‘चलो पहाड़’ दो मिनट का यह विडिया इन दिनों सोशल मीडिया फेसबुक पर खुब पसंद किया जा रहा है।विडियो को बनाने वाले 21 साल के संदीप रतूड़ी देहरादून के रहने वाले हैं और फिलहाल संदीप हैदराबाद से फिल्म मेकिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और उसके साथ डायरेक्शन,एक्टिंग,एडिटिंग और फिल्मेकर भी है।
दून के निवासी का बनाया विडियो ‘चलो पहाड़’ एक छोटा सा विडियो है लेकिन वह अपने आप में एक बहुत बड़ी कहानी कहता है।सोशल मीडिया पर मशहूर विडियो की खास बात है यह कि इसको फोन से शूट किया गया है और बाद में इसमें एडिटिंग कर इसमे बैंकग्राउंड म्यूज़िक लगाया गया है। संदीप रतूड़ी दून इंटरनेशनल स्कूल के पढ़े हुए हैं और आजकल वह हैदराबाद से फिल्म की बारिकियां सीख रहे हैं।
इस विडियो को उत्तराखंड के लोगों से खासी सराहना मिल रही है और केवल दो-तीन दिन में ही इस विडियो ने हजारों व्यू और लाइक्स अपने नाम कर लिए हैं। इस विडियो के बारे में न्यूजपोस्ट से बातचीत में संदीप ने बताया कि, “यू तो मैं अपनी पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर हूं लेकिन दिल मेरा पहाड़ों में बसता है और जब भी मुझे समय लगता हैं मैं पहाड़ों में समय बिताना पसंद करता हूं।संदीप बताते हैं कि सर्दियों की छुट्टियां बिताने मैं लगभग दस साल बाद अपने नानी के घर जा रहा था जब मैने अपने फोन से छोटे-छोटे शॉट शूट किए।संदीप ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मैं इन विडियो का क्या करुंगा लेकिन मुझे शूट करना पसंद है तो बस मैं करता गया। ‘चलो पहाड़’ के बारे में संदीप कहते हैं कि, “यह एक बीस साल के लड़के की कहानी है जो एक दशक के बाद अपने गांव जाता हैं जहां लोग उसका स्वागत दिल खोल कर करते हैं।इस सफर को तय करते हुए वह अपनी बचपन की यादें ताज़ा करता हैं और बीच-बीच में लोगों से मिलता है जो लोग बहुत ही प्यार और सम्मान से उसका स्वागत करते हैं।
संदीप कहते हैं कि, “मुझे सच मे कोई आइडिया नहीं था कि मैं क्या करुंगा शायद इसलिए मैं अपने फोन से ही शूट करता रहा और बाद में एडिट करके फेसबुक पर लगाया।”
आपको बतादें कि इस विडियो की खास बात है लोगों का भाव जिस भाव से हर कोई संदीप का स्वागत कर रहा है वह वाकई बहुत निर्मल है और जो कोई भी अपने गांव सालों से नहीं गया उसे झकझोर देने वाला है।इस विडियो को शूट करने वाला रास्ता चारीगढ़ है जो चमियाल टिहरी गढ़वाल में आता है, जहां आज से दस साल पहले तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था।इस विडियो के माध्यम से एक संदेश मिलता है कि अगर आप बहुत व्यस्त हैं और अपनी जिंदगी शहर में गुज़ार रहे हैं तो एक बार जरुर पहाड़ जाए, अपने गांव जाए, जहां आज भी कुछ नहीं बदला है। वहीं भाव,वही प्यार हर कोई उतना ही निर्मल है जितना पहले था।
संदीप फिल्ममेकर होने के साथ-साथ एक थिएटर आर्टिस्ट भी हैं।संदीप कहते हैं कि, “हमारे देहरादून में थियेटर की कमी है,टैलेंट से भरा हुआ है शहर लेकिन थियेटर या कोई माध्यम ना होने की वजह से युवाओं को शहर छोड़ दिल्ली,हैदराबाद और दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। संदीप उत्तराखंड में थिएटर और फिल्मों के माध्यम से लोगों को जागरुक करना चाहते हैं और साथ ही गढ़वाली सिनेमा को एक परफेक्शन के साथ लोगों के सामने लाना चाहते है।संदीप कहते हैं, “जिस तरह मुझे अपने शहर को छोड़ कहीं और से थिएटर की शिक्षा लेेनी पड़ी वैसा ना हो इसलिए मैं अपना थिएटर शुरु करना चाहता हूं जिससे लोग अपने घर और शहर में रह कर थिएटर और फिल्म की बारिकियां सीख सकें।संदीप हर किसी को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप सच में कुछ करना चाहते हैं तो इसके लिए बड़े कैमरे और इंस्ट्रूमेंट की जरुरत नहीं हैं आपको फोन आपके संदेश को पहुंचाने के लिए काफी है।”
‘चलो पहाड़’ हर एक ऐसे युवा की कहानी है जो सालों से अपने घर अपने गांव पहाड़ नहीं गया और इस विडियो को देखकर एक बाऱ फिर से उसके अंदर अपने पहाड़ जाने की लालसा पैदा हो जाती है।