आशा कार्यकत्रियों व एएनएम का होगा दुर्घटना बीमा

0
690

देहरादून। महिला दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आशा 12000 आशा कार्यकत्रियों और लगभग 2100 एएनएम के लिए दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा की। इन्हें दो लाख रुपये तक की बीमा राशि का लाभ मिलेगा।
गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की 12 हजार आशा कार्यकत्रियों एवं लगभग 2100 एएनएम को दुर्घटना एवं अपंगता की स्थिति में 02 लाख रुपये तक की बीमा योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा की प्रारम्भिक देखभाल की जिम्मेदारी आशा कार्यकत्रियों एवं एएनएम की होती है। जन स्वास्थ्य में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी एएनएम को कम्प्यूटर टैबलेट देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों को वर्ष 2012-13 से रुकी हुई वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि के लिए 33 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इससे प्रत्येक आशा कार्यकत्री को लगभग 25 हजार रूपये प्राप्त होंगे।
इस मौके पर चिकित्सा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डीएस रावत ने बताया कि वर्तमान में चालू भर्ती प्रक्रिया में 481 चिकित्सकों का चयन और हुआ है। इसमें से 193 महिला चिकित्सक और 86 विशेषज्ञ डॉक्टर सम्मिलित हैं। महानिदेशक चिकित्सा ने बताया कि चिकित्सा विभाग में 440 महिला स्वास्थ्य कार्यकत्री के रिक्त पदों के सापेक्ष 293 पदों पर चयन कर लिया गया है तथा 380 पदों पर चयन हेतु विज्ञप्ति जारी कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बनने के बाद पहले वर्ष एक हजार डॉक्टरों की नियुक्ति का लक्ष्य रखा गया था, जिसके मुकाबले 1140 डॉक्टरों की नियुक्ति की जा चुकी है। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सरकार ने टेली मेडिसिन, टेली रेडियोलॉजी एवं डिजिटल पैथोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रदेश के 12 अस्पताल टेली रेडियोलॉजी एवं 24 अस्पताल टेली मेडिसिन से जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में 147 सेटरों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा है, जिसमें से 47 सेंटर उत्तराखण्ड के हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य के सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। पिथौरागढ़, पौड़ी एवं टिहरी के जिला अस्पतालों में आईसीयू के लिए कार्य प्रारम्भ हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है ‘प्रेस फॉर प्रोग्रेस’। प्रदेश में बाल लिंगानुपात में बेटियों की संख्या में 2011 की जनगणना के बाद वृद्धि तो हुई है, लेकिन इसको संतुलित करने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता जरूरी है। 2011 में उत्तराखण्ड में बाल लिंगानुपात 890 था जो वर्तमान में 934 तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 तक बाल लिंगानुपात को 950 से अधिक पहुंचाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर महिला मजबूत होगी तो समाज को मजबूती मिलेगी। यदि समाज के दो पहिये समान रूप से विकास में अपना योगदान देंगे तो प्रदेश एवं समाज का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण हेतु कृत संकल्पित है। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं।
इस मौके पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि समाज को जोड़ने एवं समाज के संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अवसर केवल महिलाओं का नहीं बल्कि समाज का उत्सव है। 21वीं शताब्दी महिलाओं की शताब्दी होने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उत्तराखण्ड की महिलाएं सभी क्षेत्रों में बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रही हैं एवं अच्छा कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में मातृ मृत्यु दर को कम करना एवं बाल लिंगानुपात बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य तंत्र को और सुदृढ़ किया जाएगा। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव नितेश झा, अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक अर्चना श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।