आयुक्त भविष्य निधि संगठन ने रकम जमा कराने की चेतावनी को नजरअंदाज करने पर नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी के सभी खाते सीज कर दिए हैं। इस वजह से पालिका को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।अगर यही स्थिति रही तो भविष्य में सफाई व्यवस्था और विकास कार्य ध्वस्थ हो जाएंगे। नगर पालिका प्रशासन उत्तरकाशी से लेकर देहरादून खातों को खुलवाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है।
नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने गुरुवार को स्वीकार किया कि पालिका के खाते करीब एक माह पहले सीज किए गए हैं। उन्होंने बताया पूर्व में बरती गई लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारी नियमित रूप से ईपीएफ की रकम जमा कराते तो यह नौबत नहीं आती।
उन्होंने बताया कि यह बड़ी रकम है और पालिका की आय के संसाधन सीमित हैं। पालिका को टैक्स के रूप में काफी कम रकम प्राप्त होती है। इससे सिर्फ सफाई व्यवस्था और अन्य जरूरी कार्य ही कराए जा सकते हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि वर्ष 2011 से 2019 तक संविदा एवं सफाई कर्मचारियों के ईपीएफ की कटौती न करने के कारण चौसठ लाख चौदह हजार दो सौ सत्तर रुपये जमा कराने हैं। आयुक्त भविष्य निधि संगठन ने तत्कालीन पालिका प्रशासन को चेतावनी देते रहे हैं। आयुक्त ने पालिका को नोटिस दिया कि यदि मार्च तक पूर्ण धनराशि जमा नहीं की गई, तो पालिका को कर के रूप में अधिक धनराशि देनी होगी।
उल्लेखनीय है कि पालिका गठन से पहले उत्तरकाशी को सेनिटेशन कमेटी बाड़ाहाट के नाम से जाना जाता था।बाद में इसे नगर पालिका उत्तरकाशी का नाम दिया गया।जून 2014 में बाड़ाहाट नगर के पौराणिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप को संरक्षित रखने के लिए पालिका उत्तरकाशी का नाम बदलकर नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी कर दिया गया।