पौड़ी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने चेक बाउंस के मामले में अभियुक्त को एक वर्ष के साधारण कारावास कर सजा सुनाई है। इसके अलावा अभियुक्त पर 12 लाख 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थ दंड न भुगतने पर अभियुक्त को 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।अर्थदंड भुगतने पर 12 लाख 40 हजार परिवादी को प्रतिकर के रूप में दिए जाने व शेष 10 हजार राजकोष में जमा करने के आदेश भी दिए हैं।
मार्च 2019 में पौड़ी निवासी धर्मेद्र सिंह नेगी ने संदीप सिंह निवासी देहरादून के खिलाफ कोर्ट में चेक बांउस का वाद दायर किया था। धर्मेद्र सिंह का कहना था कि उसने संदीप को देहरादून में एक जमीन के एवज में 12 लाख की धनराशि दी थी। जिसकी कीमत संदीप ने 20 लाख बताई थी। शेष धनराशि रजिस्ट्री के बाद दी जानी थी लेकिन जब काफी समय बीत जाने के बाद भी संदीप ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई तो उन्हें शक हुआ। जमीन का सत्यापन कराया गया तो पता चला की जमीन संदीप के नाम नहीं है। धर्मेद्र ने जब संदीप से अपने रुपये वापस मांगे तो संदीप ने एसबीआई हर्रावाला शाखा के 6-6 लाख के दो चेक दिए। उक्त दोनो चेक बाउंस हो गए।
दोनो पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शमा परवीन की अदालत ने संदीप सिंह को दोषी करार देते हुए एक वर्ष के साधारण कारावास के साथ ही 12 लाख 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न भुगतने की दशा में 6 माह के साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अर्थदंड भुगतने पर 12 लाख 40 हजार परिवादी को प्रतिकर के रूप में दिए जाने तथा 10 हजार राजकोष में जमा करने की आदेश कोर्ट ने दिए हैं।