सरकारी भूमि पर ऋषिकेश में बने 13 मंदिरों पर दीपावली के बाद होगी कार्रवाई

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ऋषिकेश में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए 13 मंदिरों पर हटाए जाने की लटकी तलवार पर शीघ्र कार्यवाही हो सकती है। दरअसल, ऋषिकेश में सरकारी भूमि पर धार्मिक स्थलों की आड़ में किए गए अवैध रूप से अतिक्रमण को लेकर उच्च न्यायालय में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गुप्ता द्वारा जनहित याचिका डाली गई। जनहित याचिका के बाद कोई कार्रवाई न किए जाने पर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में की गई शिकायत को मुख्यमंत्री द्वारा गंभीरता से लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गुप्ता द्वारा ऋषिकेश क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने के लिए निर्देशित किया था ।लेकिन उसके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा की गई टालमटोल के बाद अनिल गुप्ता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री की हेल्पलाइन मे उक्त मामले को लिखित रूप से डाला। जिसका संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश ,पुलिस क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ,व अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण विभाग को शिकायत संख्या 34271 दिनांक 19 सितंबर पर तहसीलदार ऋषिकेश एवं सहायक नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश से जांच करवाई गई।
  तहसील ऋषिकेश एवं सहायक अभियंता नगर निगम के द्वारा अपनी संयुक्त जांच आख्या में अवगत कराया गया कि सरकारी भूमि पर 13 धार्मिक स्थल मंदिर अवैध रूप से बने हुए पाए गए हैं। जिसे लेकर उच्च न्यायालय नैनीताल में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की गई है। न्यायालय द्वारा अवैध रूप से स्थापित  अतिक्रमण को हटाए जाने के निर्देश भी दिए गए। जिसका संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने संपत्ति संबंधी अवैध धार्मिक स्थलों मंदिरों को नियमानुसार हटाए जाने के लिए प्रभावी कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस व प्रशासन की मदद भी ली जाए।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी प्रेमलाल का कहना था कि दीपावली के बाद मंदिरों को हटाए जाने की कार्रवाई को लेकर अधिकारियों के साथ एक बार पुनः बैठक की जाएगी और अतिक्रमणकारी मंदिरो को हटाया जाएगा ।इस आदेश के बाद धार्मिक मंदिरों के संचालकों में खलबली मच गई है।