बसपा सुप्रीमो मायावती के विरुद्ध कार्यकर्ता हुए लामबंद, होगा नया झंडा, निशान व नाम

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ऋषिकेश, बहुजन समाज पार्टी में तानाशाही के विरुद्ध उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में मुखिया बहन मायावती के खिलाफ जहां नए झंडा, निशान व नाम को लेकर मंथन शुरू हो गया है। वहीं मायावती के विरुद्ध बहुजन समाज पार्टी से जुड़े लोगों को गोलबंद किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में नौ अक्टूबर से पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दन प्रसाद ने परिवर्तन यात्रा निकाले जाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन यात्रा से वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव को भी नई दिशा मिलेगी। यह निर्णय उत्तराखंड की धरती पर ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में रविवार को देर रात मंथन बैठक में लिया गया। रविवार को देर रात तक चली इस बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली सहित कई राज्यों से आए बहुजन समाज पार्टी से जुड़े जनाधारी नेता शामिल हुए।
बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बहन मायावती को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के उद्देश्य से भटक कर अपने खानदान की पार्टी के रूप में उपयोग किए जाने के साथ टिकट बिकाऊ पार्टी की मुखिया होने का आरोप लगाया। अधिकांश वक्ताओं ने यह भी कहा कि मायावती कभी अपनी गलतियों को स्वीकार न कर पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं पर उन गलतियों को थोपने का कार्य करती रही हैं जिसके कारण उनकी विश्वसनीयता राजनीति में दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है। इसके चलते पार्टी के लिए जान देने वाले ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों का दामन थाम रहे हैं जोकि एक चिंता का विषय है। वक्ताओं ने कहा कि इन कार्यकर्ताओं को थामने के लिए एक नया मंच तैयार किए जाने की आवश्यकता है जिसका झंडा, नाम और निशान अलग घोषित किया जाए और उसमें सभी उन कर्मठ कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाए जो की पार्टी के लिए अपना खून पसीना बहा रहे हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दन प्रसाद ने तो यहां तक आरोप लगाया कि मायावती डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के मिशन के साथ भी गद्दारी कर रही हैं। वह अपने भाई आनंद कुमार को सीबीआई व ईडी की कार्रवाई से बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की गोद में बैठने को भी तैयार हैं । अन्य वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बसपा सुप्रीमो पार्टी को हिटलर की तरह चला रही हैं। वह आम कार्यकर्ताओं की पहुंच से काफी दूर हैं। वह अपने आगे किसी की नहीं सुनती हैं जिससे आम कार्यकर्ता भी उनकी नीतियों से कुंठित हैं। ऐसे में एक नया मंच बनाए जाने की आवश्यकता पूरे देश में आम कार्यकर्ता महसूस कर रहा है जोकि मायावती का विकल्प बन सके। मंथन बैठक में बहुजन समाज पार्टी के चिंतक पूर्व आईएएस ,आईपीएस, हाईकोर्ट के पूर्व जज तथा प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे।