‘विज्ञापन गुरु’ प्रसून जोशी ने 17 साल की उम्र में लिखी थी किताब 

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के अध्यक्ष और विज्ञापन गुरु के नाम से मशहूर प्रसून जोशी आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। मशहूर कवि, लेखक, स्क्रीन राइटर और गीतकार के रूप में पहचान बनाने वाले प्रसून जोशी का जन्म 16 सितंबर 1971 उत्तराखंड में हुआ था। प्रसून ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड में पूरी की है।
एमएससी की पढ़ाई मेरठ से पूरी करने के बाद प्रसून ने गाजियाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंंड टेक्नोलॉजी से एमबीए किया। इसके बाद प्रसून विज्ञापन के क्षेत्र में करियर बनाने में लग गए। उन्होंने सबसे पहले दिल्ली में ओगिल्वी और माथेर के साथ विज्ञापन के क्षेत्र में काम किया। इसके बाद उन्होंने एशियन पेंट्स, कोकोकोला, कैडबरी, क्लोजअप जैसी कई बड़ी कंपनियों के लिए विज्ञापन तैयार किया। सफोला के ‘अभी तो मैं जवान हूं’, ‘ठंडा मतलब कोका-कोला’, ‘उम्मीद वाली धूप’ जैसे टैगलाइंस से फेमस हुए। विज्ञापन के क्षेत्र में उनके दिए महत्वपूर्ण रचनात्मक योगदान के कारण उन्हें ‘विज्ञापन गुरु’ की उपाधि मिल गई। प्रसून ने 17 साल की उम्र में किताब ‘मैं और वो’ की रचना की थी। दस साल तक विज्ञापन के क्षेत्र में काम करने के बाद उन्होंने बॉलीवुड का रुख किया। प्रसून जोशी को विज्ञापन क्षेत्र का सर्वोच्च पुरस्कार एबीबीवाई और कांस लॉयन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
उन्होंने बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं।  जिनमें कौन डगर, कौन शहर (लज्जा), लुका छिपी बहुत हुई (रंग दे बसंती), सांसोंं को सांसोंं में ढलने दो (हम-तुम), तारे जमीं पर (तारे जमीं पर), मेरे हाथ में तेरा हाथ हो (फना), ससुराल गेंदा फूल (दिल्ली 6) आदि शामिल हैं। प्रसून ने आमिर खान अभिनीत 2006 में आई फिल्म ‘रंग दे बसंती’ के डायलॉग्स और  2013 में आई फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ की स्क्रिप्ट लिखी। प्रसून को तीन बार फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ गीतकार और दो बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रसून को 2015 में पदमश्री से सम्मानित किया गया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसून आज अपनी लेखनी के माध्यम से लाखों लोगों की धड़कन बन गए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी फ्रेंड फ्लोइंग की लंबी लिस्ट हैं।