छात्रवृत्ति घोटाले में संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल पर कसा शिंकजा

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Scholarship scam in ITI and madarsa
File Photo
 देहरादून। उत्तराखंड का छात्रवृत्ति घोटाला लगातार सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता जा रहा है। इस प्रकरण पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी एवं एससी-एसटी के संयुक्त सचिव गीताराम नौटियाल को लेकर काफी चर्चाएं हैं। उनकी गिरफ्तारी तक का आदेश हुआ है लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे हैं। अब यह मामला जातिगत बनता जा रहा है।
इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उत्तराखंड पुलिस प्रमुख समेत गृह सचिव, समाज कल्याण विभाग के सचिव और हरिद्वार एसएसपी को पत्र लिखा है, जिसमें फरार चल रहे गीताराम नौटियाल के संदर्भ में आयोग ने एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
गीताराम नौटियाल के देहरादून हरिद्वार के कार्यकाल में इस बड़े घोटाले को प्रश्रय दिया गया है। हरिद्वार के सीओ सिटी ने भी गीताराम को गिरफ्तार करने के लिए तैयारी कर ली थी लेकिन उनकी फरारी के कारण गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी।
भले ही गीताराम नौटियाल बच गए लेकिन करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल पर कानूनी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इस संदर्भ में उन्हें एसआईटी ने भी नोटिस दिया था लेकिन अब तक वह पेश नहीं हुए। अब एसआईटी उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट लेने का प्रयास कर रही है और उनके आवास बसंत विहार पर नोटिस चिपका दिए गए हैं ताकि नोटिस न मिलने का बहाना न चल सके।
गीताराम नौटियाल से पहले विभाग के एक वरिष्ठ अफसर अनुराग शंखधर इसी प्रकरण में जेल में है। इस मामले की आंच जहां कई स्कूल संचालकों, नेताओं पर पहुंच रही है वहीं कई वरिष्ठ अधिकारी भी इसकी जद में आ रहे हैं। उत्तराखंड की जीरो टाॅलरेंस पर काम कर रही सरकार अपने इन भ्रष्ट अधिकारियों पर नरमी के मूड में नहीं है।
इस संदर्भ में विभागीय अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने प्रकरण न्यायालय में होने का बहाना लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।