अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को प्रशासन ने जबरन उठाया

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हरिद्वार, गंगा में खनन खोले जाने के विरोध में विगत 28 दिनों से अनशन पर बैठे मातृ सदन के स्वामी शिवानंद के शिष्य स्वामी आत्मबोधानंद को प्रशासन ने जबरन उठा लिया। पुलिस ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को देहरादून के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को जबरन उठाए जाने को गैर कानूनी बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

मातृसदन लम्बे अर्से से गंगा में खनन के खिलाफ आंदोलन करता चला आ रहा है। इसी के चलते ब्रह्मचारी निगमानंद की मृत्यु भी हो गई थी। प्रशासन द्वारा हाल ही गंगा में खोले गए खनन के विरोध में ब्रह्मचारी निगमानंद विगत 38 दिनों से अनशन पर थे। अनशन के कारण उनका स्वास्थय तेजी से गिर रहा था। हालांकि प्रशासन पहले भी मातृसदन वार्ता के लिए गया था। वहीं स्वामी शिवानंद का तर्क था कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान के आंकलन के बिना खनन खोल दिया गया है। इस कारण पहले खनन बंद हो तब वार्ता की जाएगी।

एसडीएम मनीष कुमार के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मातृसदन पहुंचा और अनशन कर रहे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को जबरन उठा लिया। प्रशासन ने ब्रह्मचारी निगमानंद को देहरादून के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया दिया। ब्रह्मचारी आत्मबोधानदं को जबरन उठाए जाने पर मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने इस मामले पर कड़ा एतराजल जताते हुए कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की चिंता आज किसी को नहीं है। नियमों को ताक पर रखकर खनन की अनुमति दी गई है।

खनन बंदी और गंगा रक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं स्वामी शिवानंद ने जिलाधिकारी दीपक रावत पर अपने अधिकारों की सही जानकारी न होने की बात कही। कहा कि डीएम को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। इसलिए उन्हें दोबारा ट्रेनिेंग दी जानी चाहिए। स्वामी शिवानंद ने ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद पर भी खनन माफियाओं से जुड़े होने का आरोप लगाया।