देहरादून, हाईकोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार सरकार जाग गई है। हाईकोर्ट की मेल मिलने के बाद शासन स्तर पर आनन-फानन में टास्क फोर्स का गठन कर अतिक्रमण हटाने को लेकर महाअभियान की तैयारी पूरी कर ली गई है। शहर को छह सेक्टर में बांटकर हर सेक्टर में एक सीओ, इंस्पेक्टर समेत 80 से 100 सिपाही की फौज अतिक्रमण हटवाने की जिम्मेदारी संभालेगी। सभी छह सेक्टरों में एक साथ कार्रवाई करते हुए सबसे पहले उन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिनके नोटिस पीरियड मैच्योर हो चुके हैं।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हरकत में आया प्रशासन
देहरादून निवासी मनमोहन लखेड़ा ने शहर के अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट को शिकायत भेजी थी। हाईकोर्ट ने इस शिकायत को ही रिट मानते हुए उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिए कि चार सप्ताह के अन्दर शहर का अतिक्रमण हटाए। हाईकोर्ट के निर्देश मिलते ही सोमवार को अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में बैठक की गई और अतिक्रमण हटाने को टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया गया। शासन स्तर पर टास्क फोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में चार सप्ताह के अन्दर हर हाल में शहर का अतिक्रमण हटा दिया जाए। बुधवार से शुरू होने वाले अतिक्रमण हटाओ महाअभियान की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने कहा कि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
छह सेक्टरों में बांटा शहर
शहर को छह सैक्टर में बांटा गया है। हर सैक्टर की कमान एक क्षेत्राधिकारी, इंस्पेक्टर के साथ ही 80 से 100 सिपाहियों को सौंपी गई है। इसमें पीएसी और थाना पुलिस भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान पैदा हो सकने वाली आपात स्थिति के मद्देनजर हर सैक्टर में फायर र्सिवस और आपातकालीन सेवा 108 भी तैनात की जाएगी। अभियान के शुरूआती चरण में सबसे पहले उन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा जिन्हें एमडीडीए पूर्व में नोटिस भेज चुका है। इन अतिक्रमणकारियों का नोटिस पीरियड पूरा हो चुका है और उन्होंने अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया है।
गुरुवार से तय होगा रूट अभियान
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि पहले दिन नोटिस पीरियड पूरा होने वाले अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके अगले रोज यानि बृहस्पतिवार से रूट के हिसाब से अभियान चलाया जाएगा। रूट तय कर उस रूट के अतिक्रमण को पूरा साफ किया जाएगा।
अवैध बस्तियों में भी फैला डर
शहर के कई हिस्सों में नेताओं ने अवैध बस्तियां बसाई हुई हैं। हांलाकि इन बस्तियों के खिलाफ कई बार पूर्व में भी अभियान चलाया जा चुका है। अब खबारों में अतिक्रमण के खिलाफ चलने वाले अभियान की जानकारी के बाद से इन अवैध बस्तियों में भी हड़कम्प मचा हुआ है।