देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार कई मुद्दों पर इन दिनों मीडिया व विपक्ष के निशाने पर है। कुल मिलाकर कहा जाए कि सरकार का समय इन दिनों ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में सरकार के पैरोकार के रूप में हमेशा खड़े रहे तेज तर्रार मंत्री व प्रवक्ता मदन कौशिक का सीन से गायब रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। हर मोर्चे पर सरकार का पक्ष मीडिया के सामने रखने वाले केबिनेट मंत्री इन दिनों नाराज बताए जा रहे है। कारण है सतपाल महाराज को हरिद्वार का प्रभारी बनाया जाना।
विवादों में घिर रही सरकार
प्रदेश में भारी बहुमत से बनी भाजपा सरकार के तारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे है। केंद्र सरकार की ओर से मिल रही विशेष तव्वजो व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की शह के बावजूद अतिउत्साह में त्रिवेंद्र सरकार किसी ना किसी बात पर मीडिया और सोशल मीडिया में निशाना बन रही है। शिक्षिका विवाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मीडिया ने जमकर उछाला। इस घटनाक्रम में मुख्यमंत्री की भारी भरकम सलाहकारों की फौज फेल साबित हुई। यहां तक कि मीडिया सलाहकार तो उन्हें उल्टी सलाह दे बैठे। जानकारों का मानना है कि इस प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री अगर शिक्षिका पर कार्रवाई ना कर थोड़ी सांत्वना दे देते तो मामला इतना तूल ना पकड़ता। लेकिन सलाहकारों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को उल्टी ही सलाह दे डाली। बची कसर शिक्षा मंत्री ने पूरी कर दी। उन्होंने तो शिक्षिका से माफी मांगकर मुख्यमंत्री के निर्णय पर ही सवाल उठा दिए। हालांकि बाद में दबाव के बाद वो शिक्षिका से मिलने नहीं गए। लेकिन तब तक बात बिगड़ चुकी थी।
मॉनसून लेकर आया मुश्किलों की बरसात
शिक्षिका विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि धूमाकोट में बस हादसा हो गया। इस दुर्घटना में 48 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस मामाले में परिवहन मंत्री ने तंत्र को फेल बताकर सरकार पर ही सवाल उठा दिए। उनका यह बयान भी मीडिया की सुर्खी बना। और अब ताजा मामला घटना वाले दिन मुख्यमंत्री के घटनास्थल दौरे पर महिला के वीडिया को सामने आया है। ये वीडियो भी मीडिया व सोशल मीडिया में खूब चलाया जा रहा है। कुल मिलाकर जुलाई मॉनसून के साथ त्रिवेंद्र सरकार के लिए मुश्किलों की बरसात लेकर आया। ऐसी परिस्थिति में ना तो संगठन और ना ही सरकार की ओर से कोई मीडिया के सामने सरकार के पक्ष रखने खुलकर सामने आया। संगठन की ओर से जहां पूर्व भाजपा नेता पर मुकदमा दर्ज करवाकर पिछले दिनों सुर्खियों में रहे विधायक मुन्ना चौहान सामने आए तो वहीं सरकार के प्रवक्ता केबिनेट मंत्री मदन कौशिक का सामने ना आना सवाल खड़े कर रहा है।
महाराज से हैं नाराज
सतपाल महाराज को उनकी विधानसभा क्षेत्र के जिले का प्रभारी बनाए से मदन कौशिक खफा बताए जा रहे है। दरअसल पिछले दिनों उनका आश्रम की दीवार तोड़ने को लेकर विवाद हो गया था। उस समय महाराज के खास माने जाने वाले मेयर मनोज गर्ग हरिद्वार नगर निगम के मेयर थे। यह मामला मीडिया में खूब उछला था। ऐसे में सतपाल महाराज को ही हरिद्वार का प्रभारी मंत्री बनाए जाने से सब हैरान थे। सूत्रों का कहना है कि इसी कारण सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने अचानक कई मामलों में घिरी सरकार के बचाव में नहीं उतरे। जानकारों का मानना है कि अगर तजुर्बेकार व वरिष्ठ मंत्री मदन कौशिक सरकार की ओर से मजबूती से पक्ष रखते तो ये मामले कुछ हद तक संभाले जा सकते थे। अब आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि कई प्रकरणों में घिरने के बाद बैकफुट पर आई सरकार किस प्रकार अपना बचाव करती है।