ऋषिकेश , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में आयोजित मासिक जनजागरूकता अभियान के तहत मुजफ्फरनगर के दो विद्यालयों में सैकड़ों छात्राओं को सर्विक्स कैंसर गर्भाशय के मुख के कैंसर को लेकर जागरूक किया गया।
संस्थान के स्त्री रोग विभाग की ओर से आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि, “कम उम्र में विवाह के बाद शारीरिक संबंध बनाने वाली महिलाओं,एक से अधिक पुरुषों से संबंध बनाने वाली और कम उम्र में बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं में सर्विक्स कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है।” निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि, “अपने जननांगों की साफ सफाई के प्रति लापरवाही बरतने व धूम्रपान करने वाली महिलाएं भी सर्विक्स कैंसर से ग्रसित हो सकती हैं।” उन्होंने बताया कि, “स्वच्छता के अभाव में एचपीबी वायरस के इन्फेक्शन की आशंका बढ़ जाती है, एचपीबी वायरस इन्फेक्शन से ही सर्विक्स कैंसर होता है।”
इस दौरान एम्स के स्त्री रोग विभाग की टीम ने जिले के चरथावल ब्लॉक स्थित बड़कली इंटर कॉलेज व आर्य कन्या इंटर कॉलेज में लगभग 550 छात्राओं को सर्विक्स कैंसर के प्रति जागरूक किया। स्त्री रोग विभाग की डा.शशि प्रतीक, डा.अनुपमा बहादुर, डा.किरन कुंवर व डा.देवाशीष दास ने बताया कि इस बीमारी का पता सामान्यतौर पर पैप इस्मीयर टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है। उन्होंने छात्राओं को सर्विक्स कैंसर के लक्षण, पहचान, उपचार व टीकाकरण संबंधी जानकारी दी। बताया गया कि किशोरावस्था ही इस कैंसर के टीके का सही समय है।
इस दौरान टीम ने छात्राओं को मिजिल्स मम्स रूबेला एमएमआर,टिटनेस व एचपीबी टीकाकरण से जुड़ी जानकारियां भी दी। साथ ही बताया कि उनका हीमोग्लोबिन 12 ग्राम प्रतिशत या उससे अधिक होना चाहिए। जागरूकता अभियान के तहत छात्राओं को हिमोग्लोबिन को बढ़ाने के उपाय बताए। इस दौरान छात्राओं ने चिकित्सकों से मासिक धर्म से जुड़े सवाल भी पूछे।