अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बनाए गए हेलीपैड से एयर एंबुलेंस के संचालन को हरी झंडी मिल गई है। डीजीसीए से रेग्युलर हवाई ऑपरेशन के लिए अनुमति मिल गई है। अब एम्स हेलीपैड पर देश के किसी भी हिस्से से आने वाली हेलीसेवा की लैंडिंग संभव हो सकेगी।
एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा चिकित्सा संस्थान है, जिसमें एयर एंबुलेंस की लैंडिंग के लिए निजी हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध होगी। इस हेलीपैड में डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) की एनओसी के बाद बीते माह सफलतापूर्वक ट्रॉयल लैंडिंग की गई थी, जिसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 अगस्त को हेलीपैड का विधिवत उद्घाटन किया था। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत के प्रयासों से डीजीसीए से एसओपी मिल पाई है।
प्रो.रविकांत ने बताया कि राज्य में होने वाली आपदाओं, सड़क दुर्घटना के घायलों व सुदूर पहाड़ी इलाकों से गंभीर बीमार मरीजों की चिकित्सा सेवा के लिए एम्स संस्थान राज्य सरकार का पूर्ण सहयोग करने को प्रतिबद्ध है। एम्स में इसके लिए बनाए गए हेलीपैड को नियमित रूप से हवाई संचालन के लिए डीजीसीए की अनुमति के बाद ऐसे मरीजों के तत्काल उपचार में सहूलियत मिलेगी। एम्स हेली सर्विसेस के इंचार्ज डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि एम्स में निर्मित हेलीपैड को रेग्युलर हवाई ऑपरेशन के लिए देश की अधिकृत संस्था से अनुमति मिल गई है।