कोरोना: एम्स में प्राणवायु पोर्टेबल वेंटिलेटर सिस्टम का सफल परीक्षण

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में प्राणवायु पोर्टेबल वेंटिलेटर सिस्टम का परीक्षण सफल रहा। इसे एम्स ने आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर तैयार किया है। एम्स में इसका परीक्षण कोरोना संक्रमित लोगों और अन्य बीमारियों के मरीजों पर किया गया। एम्स ने इसे मेडिकल साइंस की तकनीक के आधार पर सफल बताया है। अब यह वेंटिलेटर देशभर के चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध हो सकेगा। इस उपलब्धि पर एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने खुशी जताई है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में इस सिस्टम से देश के अन्य चिकित्सा संस्थानों को भी मदद मिलेगी। जिसे तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसके मद्देनजर इस सिस्टम को विकसित जरूरी करना था। उन्होंने इस वेंटिलेटर सिस्टम को विकसित व परीक्षण करने वाली टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की की लैब में प्राणवायु वेंटिलेटर सिस्टम को कई चरणों में परखा जा चुका है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों में किए गए चिकित्सीय परीक्षण में यह सिस्टम फिट पाया गया है। इसके अलावा उत्तर भारत में विश्वस्तरीय तकनीक की एडवांस एचपीएस-3 सिमुलेशन लैब से सुसज्जित एम्स ऋषिकेश में भी इस सिस्टम का परीक्षण सफल रहा।
प्राणवायु वेंटिलेटर विकसित करने वाली टीम के सदस्य व एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसिया विभाग के प्रो. देवेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि  इस सिस्टम का कई बीमारियों में चिकित्सकीय परीक्षण किया गया है। यह ह्यूमन सिमुलेटर आधारित था। उन्होंने इस वेंटिलेटर को कोविड एआरडीएस के उपचार में भी लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस सिस्टम को अस्थमा, श्वास और पैरालाॅयसिस के रोगियों के लिए भी जीवन रक्षक प्रणाली के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है। परीक्षण करने वाली चिकित्सीय टीम में डॉ. पुनीत धर, डॉ. यशवंत पाठक, डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. प्रवीन तलवार और डॉ. सुब्रह्बण्यम शामिल थे।
इसकी विशेषता यह है कि इसे कम लागत में तैयार किया जा सकता है। अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सुसज्जित प्राणवायु वेंटिलेटर सिस्टम स्वचालित प्रक्रिया से सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को नियं​त्रित करता है। आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए यह वेंटिलेटर जीवन रक्षक के तौर पर मददगार साबित होगा। इसे तैयार करने वाली टीम ने इसकी शुरुआती कीमत करीब 25 से 30 हजार रुपये आंकी है। बाजार में उपलब्ध अन्य वेंटिलेटर की कीमत करीब 8 से 10 लाख रुपये है।
उल्लेखनीय है कि प्राणवायु पोर्टेबल वेंटिलेटर सिस्टम को इसी साल अप्रैल में आईआईटी रुड़की के सहयोग से तैयार किया गया। शोध के बाद इस तकनीक को विकसित करने वाली टीम में आईआईटी रुड़की के प्रो. अक्षय द्विवेदी व प्रो. अरूप दास के साथ ही एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसिया विभाग के प्रो. देवेंद्र त्रिपाठी शामिल थे।