ऋषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच करार पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत अथॉरिटी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) मद में एम्स संस्थान को 10 करोड़ रुपए का अनुदान राशि उपलब्ध कराएगी।
एम्स ऋषिकेश में आयोजित बैठक में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से देहरादून एयरपोर्ट, जौलीग्रांट के निदेशक विनोद शर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एम्स संस्थान को कैंसर के उपचार के लिए नई अत्याधुनिक रेडियो थैरेपी मशीन की खरीद के लिए 10 करोड़ की अनुदान राशि दी है। निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में कैंसर के उपचार के लिए एक अत्याधुनिक मशीन पहले से उपलब्ध है, मगर एम्स में कैंसर मरीजों के अत्यधिक दबाव के कारण चार महीने लंबी वेटिंग चल रही है। जबकि वर्तमान में प्रतिदिन 12 घंटे संचालित मशीन से 80 रोगियों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त धनराशि से दूसरी अत्याधुनिक लो एनर्जी लिनियर एक्सलीरेटर रेडियो थैरेपी मशीन की खरीद की जाएगी,जिससे वेटिंग कम होने से मरीजों को कैंसर के उपचार में सहूलियत मिल सकेगी। निदेशक ने बताया कि इस अत्याधुनिक मशीन की लागत 15.करोड़ है,लिहाजा पांच करोड़ की धनराशि संस्थान वहन करेगा।
रेडियो थैरेपी विभागाध्यक्ष डा.मनोज गुप्ता ने बताया कि एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत के अथक प्रयासों से ही संस्थान को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से उक्त अनुदान राशि मिल पाई है। जिसका लाभ राज्य के कैंसर पीड़ितों को मिलेगा। इस अवसर पर संस्थान के एमएस डा.ब्रह्मप्रकाश, एयरपोर्ट अथॉरिटी के ज्वाइंट जीएम (सीएनएस दून) दीपक चमोली, एजीएम (सिविल/सीएसआर) आरआर पांडेय,अजीत मीणा तथा रेडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष प्रो मनोज गुप्ता एवम् डीन सी एस आर प्रो बृजेन्द्र सिंह मौजूद थे।
स्वास्थ्य सेवा पर भी हुआ करार
एम्स संस्थान व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच देहरादून एयरपोर्ट, जौलीग्रांट स्थित एमआई रूम में चिकित्सकीय सेवा के बाबत भी करार पर हस्ताक्षर किए गए। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि अथॉरिटी के साथ एमआई रूम में संस्थान के चिकित्सकों द्वारा सेवा दिए जाने के बाबत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।निदेशक ने बताया कि एयरपोर्ट में पखवाड़े भर में एम्स के चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित कर दी जाएगी, जिससे हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी।जरूरत पड़ने पर गंभीर रोगियों को एंबुलेंस से एम्स में शिफ्ट किया जाएगा।