कुंभ मेले के दौरान कोविड टेस्ट में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद शासन से लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। मामले पर डीएम सी. रविशंकर के बाद अब मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सेंगर ने भी जांच के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आरोपित निजी लैब के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-भुगतान रोक मेला स्वास्थ्य अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
-दो लैब हैं आरोपित, बाकी लैबों की भी होगी जांच, कमेटी गठित
हरिद्वार कुंभ मेले में बड़े पैमाने पर कोविड टेस्ट किए गए थे। दो निजी लैब कंपनियों पर कोविड टेस्ट में गड़बड़ी करने का आरोप है। मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि जिला प्रशासन और मेला स्वास्थ्य विभाग में कुल 24 निजी लैब इमपैनल्ड की गई थी। इनमें मेला स्वास्थ्य विभाग में 10 लैब इमपैनल्ड थीं। जिन दो लैब पर गड़बड़ी का आरोप लग रहा है उन्हें दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट नाम की कंपनी के माध्यम से काम दिया गया था। इन दोनों लैब ने कुंभ मेले के दौरान करीब 1 लाख 18 हजार एंटीजन टेस्ट किए। दो लैब्स पर आरोप है कि इन लैब्स संचालकों ने फर्जी डाटा तैयार कर अधिक संख्या में एंटीजेन जांच दिखाकर गड़बड़ी की।
कंपनी और विभाग के बीच एंटीजेन टेस्ट के लिए 354 और आरटीपीसीर के लिए 500 का रेट निर्धारित हुआ था। हालांकि अभी तक किसी भी लैब का पूरा पेमेंट स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं किया गया है। विभाग का कहना है कि जांच के बाद स्थिति साफ हो जाएगी, गलत पाया गया तो कार्रवाई होगी। जब तक जांच नहीं पूरी होती किसी भी लैब का भुगतान नहीं किया जाएगा।