मुंबई, पिछले साल मीटू के विवादों में घिरे अभिनेता आलोक नाथ को अब एक और नोटिस जारी किया गया है। फिल्म मजदूरों के संगठन फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्यालज की ओर से आलोकनाथ को नोटिस भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि उनके साथ असहयोग किया जाएगा।
आलोक नाथ से एक सप्ताह में नोटिस का जवाब मांगा गया है। इससे पहले भी आलोक नाथ को इस संगठन ने इस मामले की जांच के लिए बुलाया था, लेकिन आलोकनाथ ने ये कहकर आने से मना कर दिया था कि ये मामला अदालत में लंबित है, इसलिए वे किसी और जांच का हिस्सा नहीं बनेंगे। अंतिम कदम के तौर पर संगठन ने अब आलोकनाथ के साथ असहयोग को लेकर नोटिस भेजा है। अगर आलोक नाथ ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो आलोकनाथ से जुड़ी किसी फिल्म या टीवी सीरियल या विज्ञापन कंपनी में फेडरेशन से जुड़ी यूनियनों के कर्मचारी हिस्सा नहीं लेंगे और इसका विरोध करेंगे।
कलाकारों की संस्था सिनटा पहले ही आलोक नाथ पर बैन लगा चुकी है, जिसे आलोकनाथ के वकील की ओर से मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। तनुश्री दत्ता द्वारा पिछले साल मीटू अभियान में नाना पाटेकर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद टेलीविजन इंडस्ट्री की लेखिका और निर्माता विनता नंदा ने आलोक नाथ के खिलाफ 20 साल पहले कथित तौर पर बलात्कार के मामले को सार्वजनिक करते हुए पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
आलोक नाथ की ओर से विनता नंदा के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतरिम जमानत ली गई थी। महिला आयोग में भी ये मामला विचाराधीन है।