34 साले के अमन वोहरा की खुशी का ठिकाना नही है। और हो भी क्यों? कई सालों की मेहनत के बाद आखिरकार वर्लड स्ट्रांगमैन खेल, 2019 में हिस्सा लेने का उन्हे मौका जो मिल गया है। अमन अपनी इस जीत के बारे में बताते हुए कहते हैं कि “निजी तौर पर मेरे लिये ये एक बड़ी जीत है। मैने पिछले कई सालों से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिये मेहनत की है।”
देहरादून में पैदा हुए अमन ने अपनी पढ़ाई दून के स्कॉलर्स होम और डीएवी कॉलेज से की है। अमन ने साल 2000 में बॉडी बिल्डिंग के खेल में अपने कदम रखे थे और इसके बाद कड़ी मेहनत के बल पर आगे बढ़ता गये।
आखिरकार उत्तराखंड के अमन, वर्लड स्ट्रांगमैन गेम्स, 2019 में 21 देशों के 230 खिलाड़ियों के बीच भारत का प्रतिनिध्त्व करेंगे। ऐसा करने वाले वो भारत के पहले और एकमात्र खिलाड़ी हैं। अमेरिका के फलोरिडा शहर में 1-3 नवंबर के बीच होने वाले इन खेलों के बारे में अमन बतेत हैं कि “इन खेलों के लिये काफी ताकत और मेहनत की जरूरत पड़ती है। ये खेल अमेरिका और यूरोप में तो खासे प्रचलित हैं पर भारत में अभी इन्हें अपनी जगह मिलना बाकी है।”
2013 से ही अमन इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारियों में लगे हुए थे। इसी के चलते उन्होने 2015 फिंनलैंड में हुए स्ट्रांगमैन गेम्स में भी हिस्सा लिया और साथ ही 2016 हागकांग में हुए आर्नल्ड क्लासिक अमेच्यौर स्ट्रांगमैन एशिया में ब्रौंज मेडल हासिल किया।
अमन रोजाना करीब दो घंटे ट्रैनिग करते हैं। इसमे इंड्योरेंस, कार्डियो और स्ट्रैंथ ट्रैनिंग शामिल रहती है। इसके अलावा वो डाइट का भी खास ख्याल रखते हैं। इस प्रतियोगिता के लिये अमन को अपना वजन 90 किलोग्राम तक रखना है, “मैं 90 किलोग्राम कैटिगरी में आता हूं , इसलिये मुझे अपनी डाइट का खासा ध्यान रखना पड़ता है। “
अमन के जूनियर और खास दोस्त का उनके बारे में कहना है कि, “वो मेहनत करने वाले फोक्सड खिलाड़ी है और मेरे लिये मार्गदर्शक का काम करते हैं। मैं उन्हें इस मुकाबले के लिये शुभकामनाऐं देता हूं।”
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