अमूल पनीर का नमूना फेल, भेजा नोटिस

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(देहरादून) खाद्य सुरक्षा विभाग के खाद्य पदार्थों में मिलावट न होने देने के तमाम हथकंडे फेल नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि दूध से लेकर पनीर तक मिलावटी परोसा जा रहा है। आलम यह है कि विश्वस्नीय माने जाना वाला अमूल पनीर भी गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतर पाया। खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण को रुद्रपुर स्थित खाद्य प्रयोगशाला से मिली अमूल पनीर की रिपोर्ट में फैट की कमी मिली है। दो और दुग्ध पदार्थों में पानी की मिलावट मिली है। इन तीनों मामलों में संबंधितों को विभाग की ओर से नोटिस भेजे जा रहे हैं।
देहरादून में दूध में पानी की मिलावट सर्वाधिक है। हालांकि अभी तक खुले दूध में ही पानी की मिलावट सामने आती थी लेकिन अब नामी गिरामी कंपनियों के सैंपल में भी मिलावट सामने आ रही है। जिला अभिहित अधिकारी जीसी कंडवाल ने बताया कि बीते दिनों शहर से अलग-अलग स्थानों से दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए थे जिनमें से तीन की रिपोर्ट शुक्रवार को प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि नेहरू कॉलोनी स्थित एक डिर्पाटमेंटल स्टोर से लिए गए अमूल पनीर के नमूने में फैट निर्धारित मानकों से कम मिला है। इसके अलावा विकासनगर से लिए मिल्ककेक और मोतीचूर से लिए गए एक खुले दूध के नमूने में भी पानी की मिलावट सामने आई है। उनके अनुसार पानी की मिलावट को रोकने के लिए विभाग की ओर से समय-समय पर डेयरी संचालकों, कंपनी अधिकारियों के साथ जागरूकता कार्यशालाएं की जा रही हैं ताकि इस तरह की मिलावट को रोका जा सके।
पहले भी फेल हो चुके हैं नमूने
यह पहली बार नहीं जब खाद्य पदार्थों में मिलावट पाई गई है। इससे पहले होली के दौरान नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से लिया गया अमूल दूध का नमूना भी फेल हो चुका है। उस समय भी दूध में पानी की मिलावट होना पाया गया था। बावजूद इसके कंपनी की ओर से गुणवत्ता सुधार को लेकर कदम नहीं उठाए गए।
आउटसोर्सिंग पर हैं प्लांट
कई बड़ी कंपनियों ने अपने मिल्क प्लांट अपने पास रखने के बजाए आउटसोर्सिंग पर दे दिए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि ऐसा होने के बाद से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इसके लिए कंपनियों को भी विभाग की ओर से नोटिस भेजकर यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि आउटसोर्सिंग प्लांट में भी कंपनी की ओर से गुणवत्ता मानकों का पालन कराया जाए।