क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ विधेयक लाए सरकार: रघुनाथ सिंह

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देहरादून/विकासनगर। जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष व जी.एम.वी.एन. के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश भर में चल रहे निजी चिकित्सकों की हड़ताल पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए निशाना साधा। उन्होेंने कहा कि चिकित्सक पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं। मरीजों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार ने प्रदेश के मरीजों को उनकी हालात पर छोड़ दिया है, जो कि बहुत ही असंवेदनशील है।
गुरुवार को विकासनगर-मोर्चा कार्यालय में जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से बातचीत में यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट न्यायालय के आदेश से लागू हुआ है, इसका पालन कराना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं लचर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को उक्त एक्ट में कुछ संशोधन कर विधेयक लाना चाहिए। प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र सिर्फ रेफर सेंटर तक सीमित है।
उन्होंने कहा कि उक्त एक्ट बहुत ही जटिल है तथा पूर्व में स्थापित क्लीनिकों पर अगर ये एक्ट लागू होता है तो निश्चित तौर पर लगभग 70-80 फीसदी क्लीनिक बंद हो जाएंगे तथा मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ देंगे। प्रदेश में अस्पताल तो हर जगह मौजूद हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। नवनिर्मित क्लीनिकों पर सरकार पूर्ववर्ती एक्ट लागू कर सकती है।
मोर्चा ने सरकार को याद दिलाया कि अगर शराब माफियाओं के हक में एवं सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के खिलाफ रातों-रात विधेयक आ सकता है तो इन क्लीनिकों के लिए क्यों नहीं। मोर्चा चिकित्सकों की मांगों को लेकर सरकार का विरोध करेगा।