जाखनीदार ब्लॉक टिहरी गढ़वाल के रहने वाले दिनेश लाल केवल 37 साल के हैं और वह पिछले 10 साल से अपनी कला का लोहा देश में दूर-दूर तक मनवा चुके हैं। खास बात यह है कि दिनेश उत्तराखंड की विलुप्त हो रहे पहलुओं को लकड़ी का आकार देकर एक काष्टकला की तरह तैयार कर देते हैं। टिहरी के प्रसिद्ध कारीगर दिनेश अपनी विरासत को बचाने के लिए प्रयासरत हैं और वह लकड़ियों से एक से बढ़कर एक कलाकारी करते हैं।
पहाड़ की संस्कृति और यहां की परंपरा को जिंदा रखने के लिए दिनेश हर वो चीज लकड़ी पर उकरते हैं जिससे आने वाली पीढ़ी यहां कि संस्कृति को ना भूले। दिनेश यू तो दुबई में होटल के क्षेत्र में कार्यरत थे लेकिन अपने जूनुन और कला से राज्य में विलुप्त हो रही संस्कृति को बचाने के लिए दिनेश ने काष्टकला को ज़रिया बनाने की ठानी।
दिनेश से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि “मैं पिछले 10 साल से पहाड़ से जुड़ी हर चीज़ को लकड़ी पर उकेरता हूं। वह चाहे पहाड़ी घर हो, चारधाम मंदिर हो, ओखली हो या फिर पहाड़ी घरों के किवाड़ हों।” दिनेश बताते हैं कि “एक दिन गांव से गुजरते हुए मैने एक घर का किवाड़ देखा और सोचा कि आने वाले कुछ साल में यह विलुप्त हो जाऐंगे, तो क्यों का ना कुछ ऐसा किया जाए कि अपनी संस्कृति को बचाया जा सके।बस उस दिन से आज 10 साल हो गए हैं और मैं इसी काम को कर रहा हूं।”
गौरतलब है कि उत्तराखंड में काष्ट कला को करने के लिए पापड़ी और हल्दी की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है लेकिन दिनेश की खास बात यह है कि वह किसी भी लकड़ी पर चित्रकारी कर सकते हैं और वह कला पूरी होकर बाकी सभी काष्ट कला जितनी ही खूबसूरत होती है। इतनी खूबसूरती से काष्ट कला करने वाले दिनेश जिस तरह से मदद और नाम मिलना चाहिए उसकी कमी आज भी है जबकि राज्य के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक दिनेश की बनाई हुई काष्ट कला भेंट की जा चुकी है। सेना प्रमुख बिपिन रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के लिए भी दिनेश काष्ट कला के नमूने तैयर कर चुके हैं।
दिनेश को हाल ही में 40 पीस पहाड़ी घर का ऑर्डर मिला था, और रानीचौरी, नरेंद्र नगर और श्रीनगर में दिनेश द्वारा बनाए हुए काष्ट कला आपको देखने को मिल जाऐंगे।
राज्य में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन ऐसे बहुत से कलाकार हैं जिन्हें अपने काम के अनुसार सम्मान और नाम नहीं मिलता। कुछ ऐसी ही कहानी है दिनेश लाल की। राज्य के सभी विधायक और मुख्यमंत्री तक दिनेश द्वारा बनाए हुए पहाड़ी घर से लेकर मंदिरों की काष्ट कला पहुंच चुकी है लेकिन अभी भी दिनेश को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार हैं।
अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड के पास भी बहुत सी ऐसी चीजें है जो राज्य की पहचान बन सकते हैं लेकिन सरकार की उदासीनता और राजनीति में यहां की कला अपना दम तोड़ती नज़र आ रही है।
तो अगली बार आप जब भी उत्तराखंड से कुछ तोहफा खरीदें तो यह लकड़ी के बने पहाड़ी घर और चारधाम मंदिरों की काष्ट कला खरीदें ताकि पहाड़ी की संस्कृति दूर तक पहुंचे।