प्रदेश के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले के उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहुंचने के साथ उसके पिता वीरेंद्र भंडारी और मां सोनी देवी गुरुवार को नैनीताल पहुंचे। इस दौरान अंकिता की मां जहां फूट-फूट कर रोती रही। भावुक नजर जा रहे उसके पिता ने खुद को संभालते हुए जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए मामले की सीबीआई जांच और तीनों आरोपितों को फांसी देने की मांग की। उन्होंने पहले रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा कथित तौर पर बुलडोजर से तोड़े जाने और अब आरोपित पुलकित आर्य की कैंडी फैक्टरी में आग लगने एवं पौड़ी के डीएम व एसएसपी को हटाने पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि रिजॉर्ट और उससे लगी फैक्टरी में पहले खून देखा गया था। संदेह जताया कि अंकिता को फैक्टरी में मारे जाने के बाद नहर में डाला गया होगा। दावा किया कि एक चैनल के प्रतिनिधियों ने उस खून को रिकॉर्ड किया था। आरोप लगाया कि घटना के बाद से सीज किए गए और प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद यहां आरोपित पुलकित आर्य की पत्नी पहुंची थीं। इसके बाद ही फैक्टरी में आग लगने की घटना हुई। संभावना जताई कि वहां आग की घटना खून वाले व अन्य सबूतों को नष्ट करने के लिए की गई होगी।
उन्होंने पौड़ी के डीएम व एसएसपी को हटाए जाने पर भी सवाल उठाए। साथ ही इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले आशुतोष नेगी व ‘जागो उत्तराखंड’ संस्था द्वारा चंदा एकत्र किए जाने पर उठाए जा रहे सवालों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो खर्चा हो रहा है, वह तो उन्हें सरकार से नहीं मिलेगा। इसलिए संस्था द्वारा चंदा एकत्र किए जाने में कुछ भी गलत नहीं है। इस पूरी घटना में उन्होंने क्षेत्रीय विधायक रेणु बिष्ट की भूमिका पर भी सवाल उठाए और मामले की जांच कर रही एसआईटी पर वीआईपी का दबाव होने का आरोप भी लगाया।