अघोषित बिजली कटौती से कारोबार पर असर

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उत्तराखण्ड में इन दिनों अघोषित बिजली कटौती के कारण उपभोक्ताओं को खासी फजीहत झेलनी पड़ रही। जबकि विद्युत विभाग इसे बेहतर बिजली व्यवस्था बनाने के लिए मेंटेनेंस को शट डाउन का कारण बता रहा है।

उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसीएल का दावा है कि वे बेहतर बिजली व्यवस्था के लिए ट्रांसफॉर्मर से लेकर विद्युत लाइनों में मेंटेनेंस के लिए शट डाउन कर रहे हैं। यूपीसीएल ने इस काम को पूरा करने के लिए दीपावली तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके बाद बिजली आपूर्ति सुचारू करने की दावा है। उद्योगपतियों का कहना है कि पिछले दिनों बिजली की उपलब्धता न होने के कारण सप्ताह में दो दिन तक उत्पादन बंद करना पड़ा। देहरादून के सेलाकुईं क्षेत्र में ही करीब 450 छोटे-बड़े उद्योग चल रहे है।

औद्योगिक इकाइयों का कहना है कि बिजली कटौती के चलते उत्पादन पर बूरा असर पड़ रहा है। कुछ ही दिनों में दशहरा और दिवाली जैसे महत्पूर्ण त्यौहार आने वाले है। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्रों के लिए यह समय काफी मायने रखता है। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव अनिल मारवाह का कहना है कि इस समय भी उद्योगों को करीब तीन- चार घंटे औसतन बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सेलाकुई इंडस्ट्री में करीब 220 केवी का सब स्टेशन प्रस्तावित था लेकिन अभी तक कुछ हुआ नही। इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि बिजली की आपूर्ति से ज्यादा दिक्कत सिस्टम मैनेजमेंट में है।

यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा का कहना है कि, “न केवल दून के औद्योगिक क्षेत्र बल्कि समूचे राज्य में मरम्मतीकरण की जरूरत है।काम चल रहा है, इसीलिए शटडाउन किया जा रहा है। अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि दीपावली तक मरम्मत का काम पूरा कर दिया जाए।यूपीसीएल सब स्टेशन इसी महीने में अस्तित्व में आ जाएगा और दिक्कतें दूर हो जाएगी।”