पुलिस लाइन में दंगाइयों ने धावा बोल दिया

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रुद्रपुर, रविवार को पुलिस लाइन में दंगाइयों ने धावा बोल दिया। दंगाइयों से निपटने के लिए एसपी सिटी ने तीन थानों की फोर्स बुलाई, मगर पुलिस फोर्स देर से पहुंची, जिससे स्थिति विस्फोटक हो गई। पुलिस को आंसू गैस, पानी का छिड़काव करना पड़ा। फिर भी दंगाई नियंत्रण में नहीं आए तो लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी।

पुलिस लाइन में अपनी मांगों को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। पहले एलआईयू के जवानों ने दंगाइयों की बात को समझ कर उच्चाधिकारियों को सूचित किया। प्रदर्शनकारी वेतन विसंगति को लेकर विरोध कर रहे थे तथा पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उसके बाद पुलिस ने दंगाइयों को समझाने का प्रयास किया, मगर दंगाई उग्र हो गए। जिस पर घुड़सवार पुलिस के जवानों ने दंगाइयों को खदेडऩे की कोशिश की। स्थिति नियंत्रण में न होने के कारण पानी की बौछार की गई। उसके बाद आंसू गैस के गोले दागे गए। हालांकि आंसू गैस का पहला गोला गलत दाग दिया गया, जिस पर संचालन कर रहे अफसर ने जवान को टोका। फिर दो और गोले दागे गए। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया। जवाब में दंगाइयों ने पथराव कर दिया, जिस पर पुलिस टीम को पीछे हटना पड़ा। बाद में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें चार दंगाई घायल हो गए।

घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई। हालांकि घायलों को उठाने पर भी विरोध हुआ, मगर पुलिस ने विरोध करने वालों को खदेड़ दिया। दरअसल, यह सब पुलिस की मॉकड्रिल का हिस्सा था।

…और फिर सामने आई पुलिस की लापरवाही  

रुद्रपुर, एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने पुलिस की सक्रियता परखने को पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया था। रविवार को सुबह ठीक 11 बज कर 20 मिनट पर एसपी सिटी ने रुद्रपुर, ट्रांजिट कैंप व पंतनगर पुलिस को फोन करके पुलिस लाइन में दंगा होने की सूचना दी। एसपी सिटी की सूचना के 20 मिनट बाद ट्रांजिट कैंप पुलिस सबसे पहले मौके पर पहुंची, लेकिन आधी अधूरी तैयारी के साथ। आधा घंटे बाद कोतवाली पुलिस पहुंची, लेकिन पुलिस कर्मियों की संख्या काफी कम थी। जिस पर एसपी सिटी ने नाराजगी जताई तो कोतवाल ने कहा कि, “सत्यापन अभियान में पुलिस कर्मी व्यस्त थे, पहले पता होता तो फोर्स को सत्यापन में नहीं लगाते, जिस पर एसपी सिटी ने कहा कि दंगा पहले बता कर नहीं होता।’ करीब 40 मिनट बाद पंतनगर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन पूरी तैयारी के साथ।