बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर ने कहा कि देश में किसी भी भाषा की फिल्मों के बीच किसी तरह की प्रतिद्वंद्विता नहीं है बल्कि प्रतिद्वंद्विता जनता का बेहतर मनोरंजन करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि भारत एक है, मनोरंजन करने का मकसद भी एक ही है। हमें सभी भाषाओं और वहां की फिल्मों का सम्मान करना चाहिए और बांटने का प्रयास नहीं करना चाहिए। उन्होंने माना कि समय के चक्र के अनुसार अलग-अलग चीजें पसंद की जाती हैं। आज के दौर में दक्षिण भारतीय भाषाओं की फिल्मों को अधिक पसंद किया जा रहा है। हिंदी सिनेमा भी इस पर नजर रख रहा है और उनसे सीखने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड भी दक्षिण भारतीय सिनेमा जैसा कार्य करता रहा है। हिंदी और दूसरी भाषाओं की फिल्में एक-दूसरे की भाषाओं में डब होती रहती हैं।
नैनीताल में पिछले करीब 25 दिनों से ‘द लेडी किलर’ फिल्म की अंतिम दौर की शूटिंग के बीच अर्जुन मंगलवार को नगर के बलरामपुर हाउस में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने यहां इतनी लंबी शूटिंग पर कहा कि इसका उन्हें दुःख और खुशी दोनों है। यहां यूनिट के बाहर से शूटिंग में किसी तरह की समस्या नहीं आई। बताया कि इससे पहले 2013 में दो दिन के लिए औरंगजेब फिल्म की शूटिंग के लिए आए थे। इसके अलावा पिथौरागढ़ के साथ हल्द्वानी में तीन घंटे ‘संदीप और पिंकी फरार’ फिल्म की शूटिंग की थी। कहा कि नैनीताल पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन स्थान है। फिल्मों की शूटिंग के लिए जैसा इस और इससे पूर्व ब्लर फिल्म की शूटिंग में स्थानीय लोगों और सरकार ने सहयोग किया है, वैसा मिलता रहे, तथा आवागमन में और सुविधा हो तो यहां और अधिक फिल्मों की शूटिंग होंगी। उन्होंने कहा, फिल्म यूनिटों को भी सीजन में शूटिंग करने से परहेज करना होगा।
अभिनेता अर्जुन कपूर ने कहा ‘द लेडी किलर’ फिल्म एक रोमांटिक थ्रिलर फिल्म है। इसमें वह एक छोटे शहर के कैसिनोवा या प्ले ब्वॉय का चरित्र निभा रहे हैं। उनका चरित्र फिल्म की नायिका भूमि पेडनेकर के चक्कर में ऐसा फंसता है कि उसे शुरू में लगता है कि वह इन स्थितियों को संभाल लेगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। उनके रिश्ते में एक अलग सा खेल शुरू हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में नैनीताल की सुंदरता का काफी अच्छे से दिखाया गया है। इसे देखकर अन्य फिल्मकार भी यहां आएंगे। बरेली व दिल्ली से हवाई सुविधा होने से मुंबई से देहरादून व नैनीताल आना बराबर पड़ता है।