बद से बदत्तर बनती जा रही अगलाड़-थत्यूड़ मोटर मार्ग, लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। यूं तो ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली अगलाड़-थत्यूड़ मोटर मार्ग को लाइफ लाइन कहा जाता हैं लेकिन इसकी खुद की लाइफ इतनी दयनीय हैं कि इसमें सफर करने वाले लोगों की सांस में सांस अटकी रहती हैं, फिर भी लोग इस पर सफर करने को मजबूर हैं।
ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली खस्ताहाल पड़ी अगलाड़ थत्यूड़ मोटर मार्ग की स्थिति दिन पर दिन बद से बदत्तर बनती जा रही है। नैनबाग-विकासनगर हाईवे पर अगलाड़ पुल से शुरू होती एटी रोड़ की स्थिति बंदर कोट से ही दयनीय बनी हुई है, सडब खाला में सड़क की दीवारें टूटी हुई है जिससे मार्ग बहुत ही संकरा है। 7-8 किमी, कैंणु खाला नामे तोक पर वर्ष 2010 व 2013 में भारी भूस्खलन होने से वह सबसे खतरनाक डेंजर जोन हैं, जिससे लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं। वर्ष 2016 में यहा चल रहे ग्राम बेल के नैन सिंह के पैर पर बड़ा बोल्डर गिरा था जिससे घटनास्थल पर पड़े रहने से अधिक रक्तस्राव होने के कारण उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी। हालांकि घटना के बाद इस डेंजर जोन के मरम्मत का कार्य किया गया लेकिन अभी भी पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं।
वही 11 किमी गरखेत मुख्य बाजार के समीप सड़क पर बहते बरसाती गदेरे को पार करना जोखिम भरा रहता हैं। बरसाती गदेरे के कारण 2013 की दैवीय आपदा में सड़क के निचले हिस्से की दीवार बह गई थी जिससे पैदल स्कूली बच्चों पर भी खतरा बना रहता हैं। खस्ताहाल अगलाड़-थत्यूड़ मोटर मार्ग पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं जिसमें अलग-अलग घटनाओं में अब तक 7 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हांलाकि एटी रोड अगलाड़ पुल से ब्लॉक मुख्यालय 44 किमी बहुत ही संकरा हैं लेकिन 15 से 20 किमी बंदर कोर्ट से बिच्छू खड़ तक का सफर तय करने में लोगों की सांस में सांस अटकी रहती हैं।
2010 से बदहाल अगलाड़-थत्यूड़ मोटर मार्ग से 23 राजस्व व 12 ग्राम पंचायत की लगभग दस हजार स्थानीय आबादी सहित नैनबाग क्षेत्र के लालूर, इडवाल्सयू, सिलवाड़ पट्टी से ब्लाक मुख्यालय जाने वाले हजारों ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं। वही विभाग का कहना है कि एटी रोड़ की डीपीआर शासन को भेजी जा चुकी है बजट स्वीकृत होते ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया जायेगा।
स्थानीय निवासी प्रधान द्वारगढ़ दिनेश रावत, प्रधान खासकुदाऊं श्याम सिंह, बौराडी प्रधान सीमा देवी, राजेंद्र रावत, जनानन्द बिजल्वाण, अतुल गुसाईं, नागेंद्र प्रसाद, प्रताप सिंह आदि का कहना हैं कि अगलाड़ थत्यूड़ मोटर मार्ग का मुद्दा कई बार बीडीसी के माध्यम से, विकास गोष्टी के मंचों के माध्यम से और कई जिलाधिकारियों को दिया ज्ञापन से इस विकराल समस्या के बारे में अवगत कराया लेकिन अब तक किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी। लगता हैं कि सरकार और प्रशासन अभी और बड़ी दुर्घटनाओं का इंतजार कर रही हैं।