हेमवती नंदन बहुगुणा की विरासत को संजीवनी

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    हेमवती

    इस महीने की 17 तारीख को पर्वतपुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती मनाई गई। अगले महीने की 25 तारीख को उनकी पुण्यतिथि है। स्वर्गीय बहुगुणा को इन मौकों पर हमेशा याद किया जाता है, लेकिन इन दो तारीखों के बीच, इस बार बहुगुणा का जिक्र फिर से हो रहा है। वजह, बहुगुणा की विरासत को आगे बढ़ने का खास अवसर प्राप्त हुआ है। उत्तराखंड की भाजपा सरकार में बहुगुणा के पोते सौरभ कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। स्वर्गीय बहुगुणा से ऋतु खंडूरी भूषण का भी नाता है, जिन्हें उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी हो गई है।

    स्वर्गीय बहुगुणा के उन समर्थकों के लिए ये मौके आनंद से भरने वाले हैं, जो कि उन्हें पूजते आए हैं। दरअसल, हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे बडे़ नेता की मौत के बाद उनकी विरासत को संभालने वाले उनके परिवार के लोगों को उतार-चढ़ाव झेलने पडे़ हैं। फिर चाहे बात यूपी की राजनीति की हो या उत्तराखंड की। हालांकि उनके बेटे विजय बहुगुणा को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री और बेटी रीता बहुगुणा जोशी को यूपी सरकार में मंत्री होने का अवसर मिला है, फिर भी स्वर्गीय बहुगुणा की विरासत को जिस समृद्ध रूप से आगे बढ़ते हुए उनके समर्थक देखना चाहते थे, उसमें कहीं न कहीं दिक्कत जरूर रही है। पिछले कुछ समय से तो हालत और खराब हुई, जबकि भाजपा में आकर विजय बहुगुणा हाशिये पर चले गए। ये जरूर रहा कि उनके बेटे सौरभ बहुुगुणा को विधानसभा में सितारगंज के प्रतिनिधित्व का मौका मिला। यूपी में रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा के साथ बनते-बिगड़ते रिश्तों की कहानी भी चर्चा में रही।

    अब धामी सरकार में सौरभ बहुगुणा के मंत्री बन जाने के बाद स्वर्गीय बहुगुणा के समर्थकों की आंखों में चमक है। सौरभ भले ही दूसरी बार के विधायक हैं, लेकिन एक शांत और सुलझे हुए युवा नेता की उनकी छवि को सभी ने महसूस किया है। ऐसे में स्वर्गीय बहुगुणा की विरासत को मजबूती से आगे ले जाने का भार उनके कंधों पर आ पड़ा है।

    बहुगुणा की विरासत का जिक्र करते हुए ऋतु खंडूरी भूषण की बात कर लेना भी आवश्यक हो जाता है। ऋतु पूर्व मुुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी हैं और सभी जानते हैं कि भुवन चंद्र खंडूरी औैर हेमवती नंदन बहुगुणा के बीच मामा-भांजा का रिश्ता है। वर्ष 1990 में जब खंडूरी ने राजनीति में प्रवेश किया था, तो तब एक पूूर्व सैन्य अफसर होने के अलावा स्वर्गीय बहुगुणा का भांजा होने का भी उन्हें खासा लाभ मिला था। साथ ही खंडूरी की सफलता को बहुगुणा की विरासत के साथ जोड़कर देखा गया था। इस लिहाज से ऋतु खंडूरी भूषण का संबंध भी बहुगुणा की विरासत के साथ जुड़ रहा है। सौरभ के अलावा ऋतु खंडूरी भूषण को अहम जिम्मेदारी से बहुगुणा समर्थकों के चेहरे पर खुशी की चमक है। भाई-बहन (सौरभ बहुगुणा-ऋतु खंडूरी भूषण) की ये जोड़ी बहुगुणा की विरासत को कितनी मजबूती से आगे बढ़ाती है, अब इस पर सभी की नजरें होंगी।