उत्तराखंड में जमकर बर्फबारी, औली ने ओढ़ी बर्फ की चादर

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औली
हिमक्रीड़ा केंद्र औली ने एक बार फिर बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। बर्फबारी से स्कीइंग के दीवानों और पर्यटन कारोबारियों  के चेहरों में रौनक लौट आई है।  खूबसूरत विश्वस्तरीय स्कीइंग ढलानें फिर बर्फ से लबालब हो गई है। बागबान भी करीब एक महीने से बर्फ का इंतजार कर रहे थे। इससे पहले  12-13 दिसबम्बर और  5 जनवरी को बर्फ गिरी थी।
औली में चारों ओर बर्फ दिख रही है। जीएमवीएन कैंपस मे करीब एक फीट, रोप-वे के आठ नंबर टावर से दस नंबर टावर तक एक से डेढ़ फीट बर्फ जमा है।
ताजा हिमपात स्कीइंग प्रेमियों और स्कीइंग प्रशिक्षुओं के लिए बेहतर साबित हुआ है। इन दिनों जीएमवीएन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 20 जवानों को स्कीइंग प्रशिक्षण दे रहा है।  मुख्य स्कीइंग स्लोप पर बर्फ न होने के कारण स्कीइंग कोच इस दल को गोरसों के जंगलों मे प्रशिक्षण दे रहे थे। अब कोच  जीएमवीएन मुख्य स्की स्लोप पर ही स्कीइंग प्रशिक्षण दे सकेंगे।
जीएमवीएन के मुख्य स्कीइंग प्रशिक्षक किशोर डिमरी के अनुसार इस वर्ष 15 जनवरी से स्कीइंग प्रशिक्षण कोर्स की शुरुआत हुई थी। अब तक करीब 30 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ताजा बर्फबारी के बाद स्कीइंग के सात व चौदह  दिवसीय कोर्स औली की स्कीइंग ढलानों में आयोजित होंगे।
ताजा बर्फबारी से नीती-माणा, उर्गम घाटियों के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम , हेमकुंड साहिब, लोकपाल और फूलों की घाटी ने भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। निचले इलाके भीषण ठंड की चपेट में हैं।