गोपेश्वर, चमोली जिले के नीती घाटी टिम्मरसैंण महादेव अर्थात बाबा बर्फानी के दर्शन 10 फरवरी से चार फरवरी तक हो पाएंगे। इसके लिए चमोली के प्रशासन ने पर्यटन को निर्देश करते हुए यात्रा के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
जिले के सीमावर्ती गांव नीती में भी बाबा बर्फानी आकृति लेते है। ऐसा आज से नहीं बल्कि वर्षों से होता आ रहा है, लेकिन इस स्थान को पर्यटन के मानचित्र पर पहचान न मिलने के कारण आज भी गुमनामी में था। जिसे पहचान देने में चमोली जिले के पत्रकारों के साथ ही गढवाल के अपर आयुक्त हरक सिंह रावत का भी बडा योगदान है। अपर आयुक्त चमोली जिले के द्रोणागिरी के रहने वाले है। उन्होंने अपने अथक प्रयासों से टिम्मरसैण महादेव को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाने के साथ ही यहां की यात्रा भी शुरू करवायी है। इस वर्ष यह यात्रा 10 फरवरी से चार मार्च तक आयोजित की जा रही है। है।
क्या है टिम्मरसैंण महादेव
गुमनामी के अंधेरे में छिपा यह स्थान चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र के नीती गांव के समीप स्थित टिम्मरसैंण महादेव गुफा के नाम से जाना जाता है। यहां पर हर वर्ष शीतकाल में बर्फ का 10 फीट ऊंचाई का शिव लिंग प्रकट होता है। लेकिन इस मंदिर का प्रचार-प्रसार न होने के चलते वर्तमान तक यहां कुछ एक स्थानीय लोगों के आलावा कोई भी नहीं पहुंच पाता है। यदि सरकार की ओर इस ओर पहल की जाती है। तो नीति घाटी में शीतकालीन पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण
क्षेत्र के सतेंद्र पाल, भीम सिंह खाती और राजेंद्र सिंह का कहना है कि वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध से पूर्व शीतकाल में भी श्रद्धालु टिम्मरसैंण महादेव स्थिति बाबा बर्फफानी के दर्शनों को पहुंचते थे लेकिन उन्होंने भारत-चीन युद्ध के बाद इस क्षेत्र में शीतकाल में आम लोगों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से प्रवेश वर्जित होने तथा बिना अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश न होने के कारण अब लोगों का शीतकाल में यहां आना जाना बंद ही रहता है। कहते है कि मंदिर में दिसंबर माह में बर्फवारी के साथ ही यहां बाबा बर्फफानी अपने स्वरूप में प्रकट हो जाते हैं और मार्च माह तक करीब 10 फीट उचां शिव लिंग बना जाता है। जिसके दर्शन किये जा सकते है।
कम बर्फ गिरने के बाद भी टिम्मरसैण में होते है बाबा बर्फानी के दर्शन
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कभी जब क्षेत्र में कम बर्फबारी होती है और टिम्मरसैण के आसपास बर्फ का ना के बराबर होती है ऐसी दशा में भी टिम्मरसैण में बाबा बर्फानी के दर्शन होते है जो अपने आप में अनुठा है।
क्या कहते है अधिकारी
क्षेत्र के निवासी और अपर आयुक्त गढवाल मंडल पौडी गढवाल हरक सिंह रावत कहते है कि जिला प्रशासन के सहयोग से यह यात्रा शुरू की जा रही है। यात्रा की तैयारियां चल रही है। इस बार यह यात्रा 10 फरवरी से शुरू की जा रही है, जो चार मार्च तक चलेगी और आगामी वर्षों में इस समय को बढाने पर भी योजना अमल में लाई जा रही है।