(ऋषिकेश) उत्तराखंड में सड़कों का जाल बिछाने का दावा करने वाली प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार के तमाम दावों की हवा निकलती हुई दिखाई दे रही है। ऋषिकेश की बात करें तो यहां राष्ट्रीय राजमार्ग भी गड्डो के रूप में तब्दील होकर रह गए हैं। आलम यह है कि अब इन पर से गुजरते वक्त वाहन चालकों को हिचकोले खाने पढ़ रहे हैं।
इस गम्भीर समस्या पर भाजपा नेता एवं नमामि गंगे के जिला प्रमुख गणेश रावत ने परियोजना निदेशक को पत्र भेजकर संपर्क मार्ग की मरम्मत कराने की मांग की है। एनएच-58 प्रशासन की लापरवाही से चार ग्राम सभाओं और रायवाला छावनी को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग जानलेवा बन गया है। मानसूनी मौसम के बाद से जगह-जगह गड्ढे में हुआ जलभराव ना सिर्फ पैदल चलने वालों बल्कि वाहन चालकों के लिए एक बड़ी परेशानी बन कर सामने आया है। पिछले 3 दिनों में ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग के गड्ढों में रपट कर कई लोगों को अस्पताल का रास्ता नापना पड़ा है। एनएच-58 के चौड़ीकरण के कार्य में हो रहे विलंब से रायवाला छावनी, प्रतीतनगर, गौहरीमाफी, खांडगांव और रायवाला गांव को संपर्क मार्ग जानलेवा बन गया है। हाईवे से आने वाले पानी से संपर्क मार्ग गडढे में तब्दील हो गया है। लगे हाथों बताते चलें कि मानसून के मौसम के आगाज के बाद से तीर्थ नगरी ऋषिकेश की अधिकांश सड़कें मामूली बारिश के बाद ही बुरी तरह से उखड़ गई हैं ।जगह-जगह सड़कों में गड्ढे एवं उनमें बरसाती पानी भरने की वजह से लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में सड़कों का जाल बिछाने का प्रदेश सरकार का दावा किस हद तक खोखला है। इसकी तस्दीक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश के प्रमुख मार्गों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग को देख कर लगाई जा सकती है