केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर बादल फटने के कारण मची तबाही के बाद वायुसेना का एमआई 17 और चिनूक हेलीकाप्टर गुरुवार शाम को ही गौचर पहुंच गया था। एमआई 17 ने गौचर से शुक्रवार सुबह केदारनाथ धाम के लिये उड़ान भरी। 15 यात्रियों को रेस्क्यू करके गौचर लाये, लेकिन इसके बाद धाम में मौसम खराब हो गया और एमआई 17 के अलावा चिनूक भी कोई उड़ान केदारनाथ के लिये नहीं भर पाया। अब एमआई 17 हेलीकाप्टर गुप्तकाशी स्थित चारधाम हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिये उड़ान भरेगा, जबकि चिनूक हेलीकाप्टर गौचर से ही रेस्क्यू अभियान चलाएगा।
केदारनाथ धाम सहित पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिये लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन की मांग पर एमआई 17 और चिनूक हेलीकाप्टर भी रेस्क्यू के लिए पहुंचे। केदारनाथ धाम में भी लगभग चार सौ यात्री फंसे हुये हैं। वायुसेना के चिनूक और एमआई 17 हेलीकाप्टर के जरिये इन यात्रियों का रेस्क्यू किया जाना था, लेकिन एमआई 17 ने केदारनाथ धाम का एक ही चक्कर लगाया और इसके बाद धाम में मौसम खराब हो गया। फिर न एमआई 17 और ना चिनूक धाम के लिये उड़ान भर पाया।
इन हेलीकाप्टरों के जरिये एनडीआरएफ के जवानों को भी केदारनाथ धाम जाना था, लेकिन उड़ाने न भरने के कारण ये जवान भी केदारनाथ नहीं पहुंच पाये। हेलीकाप्टर और एनडीआरएफ के जवान दिनभर मौसम खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन मौसम नहीं खुल पाया। बाद में विंग कमांडर शैलेश सिंह ने निर्णय लिया कि एमआई 17 का संचालन रेस्क्यू अभियान में गुप्तकाशी स्थित चारधाम हेलीपैड से किया जायेगा। यहां से धाम भी नजदीक है। समय भी बचेगा और यात्रियों का भी अधिक रेस्क्यू किया जायेगा। दोपहर बाद एमआई 17 गुप्तकाशी पहुंच गया था।