सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम मंदिर कपाट खोलने की तिथि हर वर्ष वसंत पंचमी के मौके पर नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार में राजपुरोहित महाराजा की जन्म कुंडली व ग्रह नक्षत्रों की गणना करके निकालते हैं। 29 जनवरी को वसंत पंचमी पर नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार में राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी व आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने विधिवत पूजा अर्चना के साथ मंदिर कपाट खोलने तथा तिलों का तेल पिरोने की तिथि मनुजेंद्र शाह की जन्म कुंडली व ग्रह नक्षत्रों की गणना कर निकाली थी। तेल पिरोने की तिथि 18 अप्रैल तय की गई थी। अब तेल 24 अप्रैल को पिरोने की तिथि तय की गई है।
-पहले 18 अप्रैल को पिरोया जाना था तिल का तेल
-30 अप्रैल को बह्म मुहूर्त में खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया पहले तिलों का तेल पिरोने की तिथि 18 अप्रैल को निर्धारित गई थी, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते महाराजा मनुजेंद्र शाह ने राजपुरोहित व आचार्य गणों से मंत्रणा कर तिलों का तेल पिरोने का दिन परिवर्तन कर 24 अप्रैल को निर्धारित किया है। वंसत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के लिए तेल पिरोने की दो तिथि निकाली जाती हैं। राजपुरोहित ने बताया कि वसंत पंचमी के पावन अवसर पर नरेंद्रनगर स्थित राज महल में श्रीबदरीनाथ धाम कपाट खोलने की जो तिथि निर्धारित की गई है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा। बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट 30 अप्रैल को बह्म मुहूर्त में साढ़े बजे ही खुलेंगे। तेल पिरोने में लॉक डाउन तथा सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया जाएगा। सादगी के साथ तेल कलश यात्रा को राजदरबार से बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत के चार प्रतिनिधि बदरी-केदार मंदिर समिति ऋषिकेश चंद्रभागा विश्राम गृह पहुंचेंगे। 24 अप्रैल को नरेंद्रनगर राज दरबार से भगवान बदरीनाथ के अभिषेक में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल कलश गाडू घड़े को लेकर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे। श्री बदरी-केदार मदिंर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया है कि 26 अप्रैल को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिमर में तेल कलश की पूजा-अर्चना होगी। नृसिंह मंदिर जोशीमठ, योग ध्यान बदरी, पांडुकेश्वर होते हुए 29 अप्रैल को गाडू घड़ा बद्रीनाथ धाम पहुंचेगा। 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान से खुले जाऐंगे।