उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ़ न्यूज़ीलैंड द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम ‘बडुली’ में न्यूजीलैंड में रह रहें उत्तराखंडी लोगों को अपने गृह-राज्य उत्तराखंड के कलाकारों को देखने का मौका मिलेगा। एक बार फिर यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 21 अप्रैल को ऑकलैंड में आयोजित होने वाला है। उत्तराखंड से हजारों किलोमीटर दूर, न्यूजीलैंड में रहने वालों के लिए ‘बडुली’ हर बार एक अलग अनुभव लाता है। यह वार्षिक कार्यक्रम विदेश में रहने वाले लोगों को एक बार फिर अपने घर के लोक गीतों के प्रति अपने प्रेम को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है जो रंगमंच और अलग-अलग विधाएं से उन्हें घर की झलक दे जाता है।
23 मई 2013 को रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज के साथ रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ‘उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ़ न्यूज़ीलैंड’ एक मिशन के साथ शुरु हुआ: “उत्तराखंड के सभी लोगों को एक मंच पर लाना और समृद्ध संस्कृति विरासत को बढ़ावा देना, लोकप्रिय बनाना और इस संस्कृति को न्यूजीलैंड के लोगों में उत्तराखंड को बढ़ावा देना है।
उसी बैनर के तहत, इस साल भी, कलाकारों का एक समूह पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगा। उत्तराखंड के मिस्टिक हिमालयन लोक संगीत के रूप में कहे जाने वाले सात लोगों की टीम में प्रसिद्ध गायक नरेंद्र सिंह नेगी के साथ-साथ प्रतिभाशाली किशन महिपाल और कुमाउनी महिला गायक खुशी जोशी शामिल हैं। कलाकार विनोद चौहान ‘कीबोर्ड’ पर होंगे, ‘बांसुरी वादक मोहन जोशी के साथ ढोलक पर सतेंद्र और तबले पर अनुराग नेगी उनका साथ देंगे। उत्तराखंडी लोक कला के इन सात उत्तराखंडियों ने विदेश में रहने वाले सभी को लुभाने का मन बना लिया है।
न्यूजपोस्ट से विशेष बातचीत में, नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा, “बडूली के आयोजक मुझे वहां आने के लिए सालों से कोशिश कर रहे थे, काम में व्यस्त रहने की वजह से मुझे अपनी यात्रा कई बार रद्द करनी पड़ी। इस बार मैं यहां से कलाकारों के साथ जा रहा हूं, यह एक अच्छा मौका है, न्यूजीलैंड में हमारी जमीन के लोगों से मिलने और उन्हें घर का वो संगीत और स्वाद देने में सक्षम होने के लिए। हम सोलो गाने गाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग हमसे जो उम्मीद करते हैं हम उन्हें वह स्वाद और वो यादें दे पाएं।“
21 अप्रैल को सुबह 11:00 बजे से ऑकलैंड के एवॉन्डले कॉलेज में लाइव प्रदर्शन करते हुए, कलाकारों ने अपने दर्शकों को एक बार फिर उनके राज्य की याद दिलाने का वादा किया है।