देहरादून: बीते सोमवार को आए नीट नेशनल एलीजिबिलिटी कम इंटरेंस टेस्ट (एनईईटी) के परिणामों ने बागेश्वर जिले के दूरस्थ हरोडी गांव के निवासियों में एक उत्साह भर दिया है जो कि अपने गांव का पहला डॉक्टर पाने के लिए तैयार है। गांव के एक राशन दुकान मालिक के बेटे, 17 साल के अभिषेक पाठक ने 700 अंकों में से 536 अंक लाकर नीट परीक्षा पास की है।
अभिषेक, जिन्होंने विवेकानंद विद्या मंदिर और जवाहर नवोदय विद्यालय में अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की थी, उन्होंने अपने दूसरे ही प्रयास में इंन्टरेंस परीक्षा पास कर ली है।आपको बतादें कि उन्होंने इस साल सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12 की परीक्षा में 91% प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
अभिषेक ने बताया कि, “बायोलॉजी मेरा पसंदीदा विषय है। मैंने इस वजह से मेडिकल लाइन में आने का फैसला किया। मैं एक डॉक्टर बनना चाहता हूं और राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना चाहता हूं जो अभी बहुत ही खराब हालत में हैं। अभिषेक ने कहा कि, “अभी हमें हर पांच किमी में अस्पतालों की जरूरत है। फिलहाल, भले ही हमारे पास इमारतें हैं,लेकिन हमारे पास पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं। गरीब मरीजों को मुंबई या दिल्ली में सही इलाज के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता है।”
अभिषेक के पिता मोहनंचंद्र पाठक के लिए, अपने बेटे को डॉक्टर बनाना एक बहुत बड़ा सपना है। हालांकि, वह अपने बेटे की इस चाहत को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।अभिषेक के पापा कहते हैं कि, “मैं अपने बेटे को डॉक्टर बनते हुए देखना चाहता हूं। भले ही मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं अपने बेटे को मेडिकल की पढ़ाई करवा पाऊं, लेकिन मैं अपने बेटे को एमबीबीएस करवाने के लिए कुछ भी करूंगा और बैंक से लोन लेना पड़े तो वो भी करुंगा।”
अब अभिषेक एम्स दिल्ली, या मुंबई के कुछ प्रमुख मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं। भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, वह कहते हैं, “मैं मेडिकल की पढ़ाई पूरी करना चाहता हूं और इन दूरस्थ गांवों में से एक में सेवा करने के लिए उत्तराखंड वापस आना चाहता हूं।”