पानी के लिए मचा हाहाकार

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गर्मी आते ही बागेश्वर मे पानी के लिए हाहाकार मच गया है। शहर से लेकर गांव तक खाली बर्तन लिए लोगों की भीड़ नौलों और धारों पर दिख रही है। जल संस्थान की कसरत भी इस दौरान तेज हो गई है। पानी के लिए टैंकरों के साथ ही रोटेशन मे पानी दिया जा रहा है। जिले में पानी की कमी का मुख्य स्त्रोत गोमती व सरयू नदी का पानी है जो मौसम के साथ ही सूख रहा है। ऐसे मे समस्या बढ़ना तय है।

जल संस्थान से प्राप्त आंकड़े के अनुसार जिले में पानी की आपूíत के लिए कुल 176 योजनाएं हैं। जिनमें 12 योजनाएं सूख चुकी हैं। जिले के रीमा, बमराड़ी, पंद्रपाली, मंडलसेरा, पाना, सूरजकुंड, अनर्सा, नामती चेटाबगड़, फल्टिया, महारूड़ी व जोशी पालड़ी आदि गांवों में पानी के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी को कोई शादी या अन्य आयोजन करना हो तो हजारों रुपये पानी के लिए ही खर्च करने पड़ते हैं।

बताया कि पानी की आपूíत हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। पानी की जो योजनाएं चल भी रही हैं उनमें से ज्यादातर योजनाएं अत्यंत पुरानी हैं। बागेश्वर शहर की योजना भी करीब 70 साल पुरानी है। जिसके कारण पानी की लीकेज एक बड़ी समस्या बनी हुई है। विभाग का एक दल दिन भर अनेक जगहों पर लीकेज दुरूस्त करने का ही काम कर रहा है। उसके बावजूद बड़ी मात्रा में पानी बह कर बर्बाद हो रहा है।

नगर से सटे क्षेत्र मंडलसेरा, कठायतबाड़ा आदि जगहों पर रोटेशन के अनुसार एक दिन छोड़कर पानी की आपूíत की जा रही है। इसके अतिरिक्त नौले और धारे भी अब सूखने लगे हैं। जिससे लोगों की रही सही आस भी जाती दिख रही है। जल संस्थान द्वारा कुछ क्षेत्रों में टैंकर से पानी की आपूíत की जा रही है।

केएस खाती, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान ने बताया कि पानी की आपूíत के लिए विभाग पूरा प्रयास कर रहा है। जहां ज्यादा समस्या है वहां टैंकर से पानी दिया जाएगा। लीकेज को दुरुस्त करने के काम चल रहा है। पानी की समस्या नहीं आने दी जाएगी।