हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तार उप्र शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और मुस्लिम से हिन्दू बने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की जमानत गुरुवार देर शाम को खारिज कर दी गई। जिसके बाद धर्म संसद के आयोजकों में से एक महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंघानन्द गिरी इसके विरोध में अन्न-जल त्याग कर अनशन पर बैठ गए हैं। यति नरसिंघानन्द ने कहा है कि अब वह वसीम रिजवी को छोड़े जाने के बाद ही जल ग्रहण करेंगे।
वसीम रिजवी को हेट स्पीच मामले में दर्ज एक मुकदमे में आज शाम ही उप्र और हरिद्वार सीमा पर नारसन से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद रात में ही उन्हें सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। जहां से उनकी जमानत खारिज होने पर उन्हें जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को अदालत में जमानत पर फिर से सुनवाई होनी है।
वसीम रिजवी व अन्य के खिलाफ हरिद्वार में पिछले दिनों 11 दिसम्बर को आयोजित धर्म संसद में समुदाय विशेष के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में ज्वालापुर के गुलबहार की शिकायत पर हरिद्वार कोतवाली में धारा-153ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में जांच के बाद अन्य संतों के नाम भी एफआईआर में बढ़ाए गए थे। धर्म संसद में हेट स्पीच के मामले की चर्चा देश ही नहीं, विदेशों तक हुई थी। पिछले हफ्ते ही कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है।
इस मामले के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाने पर राज्य सरकार और पुलिस पर जब दबाव बढ़ा तो आज देर शाम पुलिस ने वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर लिया।
उधर, रिजवी को जेल भेजे जाने के खिलाफ हेट स्पीच मामले में ही एक अन्य आरोपिक जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंघानन्द ने गिरफ्तारी के विरोध में अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने रिज़वी की जमानत खारिज होने के बाद हरिद्वार में सर्वानंद घाट पर अन्न-जल त्याग कर अनशन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जब तक वसीम रिजवी की रिहाई नहीं होगी तब तक वह अन्न व जल ग्रहण नहीं करेंगे।