देहरादून, हलवाई एसोसिएशनऔर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथाॅरिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने एक वर्कशाॅप में मिठाइयां बनाने के लिए तेल का बार-बार इस्तेमाल किये जाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने के अलावा उन्हें लेबर लाॅ के बारे में भी जानकारी दी गई। देहरादून के मिठाई व्यवसायियों ने न सिर्फ अपनी दुकानों पर प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करने का संकल्प लिया है, बल्कि जल्द ही प्लास्टिक के खिलाफ संयुक्त प्रयास शुरू करने का आश्वासन भी दिया है।
इस वर्कशाॅप में देहरादून हलवाई एसोसिएशन और देहरादून बेकर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने हिस्सा लिया। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कंडवाल ने रेपुरपोसेड यूज़्ड कुकिंग आयल (रुको) योजना के तहत मिठाइयां बनाते समय तेल का बार-बार इस्तेमाल किये जाने के संबंध में प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि, “तेल का बार-बार इस्तेमाल किये जाने से कई गंभीर रोग होने का खतरा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि तेल को तीन बार से ज्यादा इस्तेमाल न किया जाए। इस बचे हुए तेल का डिस्पोजल भी सही तरीके से किया जाना चाहिए। फ़ूड रेगुलेटर एफएसएसएआई इस आदेश से दो मकसद पूरा करना चाहती है I पहला जो ट्रांसफैट है, जिसकी वजह से हार्ट की बीमारियां होती है, उनपर लगाम कसना और साथ ही साथ बायोडीजल मिशन को मजबूती प्रदान करना I “
गति फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने प्लास्टिक वेस्ट रिड्यूस पर प्रजेंटशन दिया। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि, “देहरादून में रोज 3 लाख किलो कूड़ा पैदा हो रहा है, जिसका बड़ा हिस्सा प्लास्टिक है। उन्होंने मिठाई व्यवसायियों और बेकर्स का आह्वान किया कि वे प्लास्टिक कूड़ा कम करने के सहयोग करें।” अनूप नौटियाल की अपील में कुछ मिठाई व्यवसायियों ने अपनी दुकान पर आज के बाद प्लास्टिक इस्तेमाल न करने का ऐलान किया। वर्कशाप की अध्यक्षता कर रहे हलवाई एसोसिएशन के प्रधान आनन्द गुप्ता ने जल्द ही हलवाइयों और बेकर्स की ओर से कोएलिशन एगेंस्ट प्लास्टिक पाॅलुशन बनाने की घोषणा की।
वर्कशाम में श्रम अधिकारी पिंकी टम्टा ने श्रम कानूनों में हुए संशोधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, “श्रम कानून 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे। कर्मचारियों को किसी भी तरह की पेमेंट नकद नहीं की जा सकेगी, इसे बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करना होगा या फिर चेक देना होगा। हालांकि व्यवसायियों ने ऐसा करने में होने वाली परेशानियों के बारे भी बताया, लेकिन लेबर लाॅ का हर हाल में पालन करना होगा। किसी मिठाई व्यवसायी का 14 साल से कम उम्र का अपना बच्चा भी किचन में काम करता पाया गया तो चाइल्ड लेबर लाॅ के तहत कार्रवाई होगी।”
वर्कशाप में मसूरी के खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने अपने प्रजेंटेशन में सरकार द्वारा फूड सेफ्टी को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। व्यवसायियों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भोग और भंडारों को भी फूड सेफ्टी नियमों के तहत कवर किया जा रहा है और इनमें भी किसी तरह की कमी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
वर्कशाप में खाद्य सुरक्षा विभाग के योगेन्द्र पांडे, मंजू, यूआरएस सर्टिफिकेशन के आशिष भार्गव के साथ ही बड़ी संख्या में मिठाई व्यवसायी और बेकर्स उपस्थित थे।