बच्चों के भींख मांगने पर लगी रोक

0
705

उत्तराखंड शासन ने पूरे प्रदेश में छोटे बच्चों को भीख देने पर रोक लगा दी है।इसके तहत भीख देने वालों को भी दंड देने का नियम है।इसके अलावा धार्मिक स्थलों के आसपास भिक्षावृति पर पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है।इन स्थानों पर किसी को भी भिक्षा देना अपराध की श्रेणी में आएगा।इस नियम को ना मानने व इसका उल्लंघन करने वालों को आजीवन कारावास तक की सजा का नियम है। अगर कोई सच में इनको दान देना भी चाहता है तो भीख मांगते इन बच्चों के लिए भंडारा या इनके घर पर जाकर इनको भोजन करा सकता है।

शासन की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को इस आदेश के अंर्तगत सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए गए हैं।उत्तराखंड हाईकोर्ट की तरफ से पिछले साल दिसंबर में सभी पूजा स्थलों पर भिक्षावृत्ति करने पर रोक लगाई गई थी।यह रोक हरिद्वार में पहले से ही लागू है, यह बात अलग है कि हरिद्वार में सबसे ज्यादा भिक्षावृत्ति होती है।इस पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम ना उठने के कारण यह खुलेआम हो रही और लोग इनको भींख दे रहे हैं।लेकिन अब शासन इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने का मन बना चुका हैं और सभी जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम सेे इसपर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।इस आदेश में यह बात साफ कर दी गई हैं कि धार्मिक स्थलों पर किसी को भी वह चाहें बच्चा हो या बूढ़ा या फिर कोई जवान उसको भीख मांगने की इज़ाजत नहीं है।

इसके साथ ही छोटे बच्चों को भीख देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आएग,और इतना ही नहीं अगर कोई इन बच्चों को भिक्षा के लिए जबरदस्ती कराएगा तो उसे भी आजीवन कारावस की सजा दी जाएगी। यहां तक की बच्चों को चौराहों पर या किसी स्थान पर सामान बेचना,जूता पालिश करना या कार चमकाने के लिए पैसा देना भी गैरकानूनी होगा।यदि ऐसा करता कोई बच्चा पकड़ा गया,तो उसके लिए अभिभावकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा।शासन ने यह बात साप कर दी हैं कि यदि किसी को दान-दक्षिणा देनी ही है तो वो इनके निवास स्थान जाकर दें।इसके अलावा बच्चों की बंधुआं मजदूरी व अन्य प्रकार की मजदूरी पर भी रोक लगाई गई है।इन सभी निर्देश का पालन करने के लिए चाइल्ड लाइन, श्रम विभाग,महिला एंव बाल विकास विभाग और पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाने के निर्देश दिए गए हैं।यह टीमें मिलकर अलग-अलग जगह जांच अभियान चलाएंगी और शिकायतों पर कार्यवाही करेंगी।

इसके साथ ही य़ह बात भी साफ की गई है कि केवल भीख मांगनी ही नहीं बल्कि भीख देना भी इसी केटेगरी में आता है।