शातिर झोलाछाप डॉक्टर को स्वास्थ्य विभाग की टीम के छापे पड़ने की सूचना मिल गई। जिस पर वह अस्पताल में ताला लगाकर भाग गया। इस कारण टीम क्लीनिक सील करने गई टीम बैरंग लौट आई।
महुआखेड़ागंज स्थित अलज्मा अस्पताल के फर्जी होने की शिकायत एक व्यक्ति ने जुलाई में की थी। यह अस्पताल झोलाछाप डॉक्टर चला रहा है, इसका पंजीयन भी नहीं है। शिकायत पर एलडी भट्ट अस्पताल के डॉ. मनु पांडे ने 28 जुलाई को जब अस्पताल में छापा मारा तो डॉक्टर नहीं मिले। इस दौरान मौजूद कर्मचारियों से उन्होंने अस्पताल व चिकित्सक से जुड़े दस्तावेज दिखाने को कहा तो किसी ने एक भी दस्तावेज नहीं दिखाए। इस पर डॉ. पांडे को शक हुआ और इसकी रिपोर्ट एलडी भट्ट अस्पताल के सीएमएस को दे दी है।
पांच दिन पहले सीएमएस डॉ. वीके टम्टा भी अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल बंद मिला था। पुलिस फोर्स लेकर डॉ. मनु पांडे नायब तहसीलदार जर्नादन प्रसाद गौड़ के साथ बुधवार को अस्पताल को सील करने पहुंचे तो अस्पताल में ताले लगे थे। डॉ. पांडे ने बताया कि डॉक्टर की डिग्री होनी चाहिए, अस्पताल का उत्तराखंड मेडिकल एसोसिएशन में पंजीयन होना चाहिए व बायोमेडिकल वेस्टेज की सुविधा होनी चाहिए। जांच में यह सुविधाएं नदारद मिलीं। बताया कि यह अस्पताल बाजपुर निवासी असगर अली का है। अस्पताल को जल्द सील कर दिया जाएगा।