अर्जुन अवार्ड ना मिलने पर खिलाडी गया हाईकोर्ट

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पैरा बैडमिन्टन विश्व चैंपियन, मनोज सरकार को अर्जुन अवार्ड ना देने के मामले में उच्च न्यायालय नैनीताल ने केंद्र सरकार को 4 सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए है। अदालत ने कहा है कि, “सरकार मनोज को अवार्ड ना देने के कारणों को भी स्पष्ट करें।”

आपको बतादे कि विश्व पैरा बैडमिन्टन चैंपियन मनोज सरकार ने अर्जुन/ द्रोणाचार्य अवार्ड चयन समिति पर पैरा बैडमिन्टन खिलाड़ियों से भेदभाव करने का आरोप लगाया था। मनोज के मुताबिक अर्जुन पुरस्कार के लिए सरकार ने एक क्राइटेरिया बना रखा है, पर अर्जुन अवार्ड चयन समिति ने सरकार के इस क्राइटेरिया को ही दरकिनार कर दिया।

मनोज सरकार का दावा था कि अंको के आधार पर अर्जुन अवार्ड के वो पहले हकदार है। बाकी खिलाड़ी अंको के मामले में उनसे काफी पीछे थे, पर अर्जुन अवार्ड चयन समिति ने मनोज के इस दावे को नजरंदाज कर दो ओलम्पियन वरुण भाटी व एम थंगवेलु को अर्जुन अवार्ड के लिए चुन लिया था और 29 अगस्त को केंद्र सरकार ने इन दोनों पैरा खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भी कर दिया।

केंद्रीय खेल मंत्रालय और साई के इस फैसले के खिलाफ मनोज ने नैनीताल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया,जिसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार को 4 सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए है।