नैनीताल नगर में अब घरों की पहचान घर की बड़ी बेटी के नाम से होगी। नगर के करीब आठ हजार चयनित घरों में बकायदा घर की बड़ी बेटी के नाम की, राज्य की पारंपरिक लोक कला ऐपण से सजी नाम पट्टिका-तख्ती भी लगी होगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने शनिवार को मुख्यालय में ‘घरैकि पहचाण-चेलिक नाम’ योजना का शुभारंभ किया और इसे महिला
-मुख्यमंत्री ने सूखाताल पुर्नजीवन योजना सहित दो योजनाओं का शिलान्यास और पांच योजनाओं का लोकार्पण किया
-नगर में पार्किंग सुविधा तिगुनी करने की घोषणा, महिलाओं के सिर से चारे का बोझ हटाने का जताया संकल्प
सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं से जोड़ते हुए कहा कि उनकी सरकार महिलाओं को पूरी तरह से सशक्त करने की पक्षधर है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार विधानसभा सत्र में महिलाओं को घर के पुरुषों की संपत्ति में अधिकार दिलाने के लिए कानून लाने जा रही है। सरकार शुक्रवार को मुख्यमंत्री घसियारी योजना भी लाई है, जिसके जरिये सरकार का लक्ष्य महिलाओं के सिर से चारे का बोझ हटाना है, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना के जरिये महिलाओं के सिर से ईधन की लकड़ी का बोझ हटाया है।
रावत ने शनिवार को पर्यटक आवास गृह सूखाताल में आयोजित एक कार्यक्रम में इस योजना के साथ ही 26 करोड़ रुपये की सूखाताल पुर्नजीवन योजना सहित दो योजनाओं का शिलान्यास एवं पांच योजनाओं का लोकार्पण भी किया। उन्होंने बताया कि सूखाताल अब सूखा ताल नहीं रहेगा बल्कि यह प्राकृतिक झील, पाथ वे, एक्सलेटर, लिफ्ट, ओपन एयर थियेटर प क्राफ्ट सेंटर जैसी सुविधाओं युक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। इस मौके पर उन्होंने मुख्यालय में मौजूदा 450 वाहनों की पार्किंग सुविधा को तीन गुना करने की बात भी कही और इसके लिए भवाली में 300, जिला कलक्ट्रेट में 400 वाहनों की बहुमंजिला और फांसी गधेरा में 100 वाहनों की पार्किंग बनाने की घोषणा भी की।
महिला सशक्तिकरण के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ते हुए उन्होंने राज्य में महिलाओं का घस्यारी योजना के तहत चारा लेने के दौरान होने वाली महिलाओं की अकाल मृत्यु व अंगभंग की घटनाओं को रोकने के लिए 7500 सरकारी स्टोरों के माध्यम से हरा चारा उपलब्ध कराने, महिलाओं के समय एवं श्रम को बेहतर कार्यों में लगाने, उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने, राज्य के 32 हजार महिला समूहों को 5 लाख रुपए के ब्याज मुक्त ऋण देने की योजनाओं की जानकारी भी दी।
फिर कुमाऊंनी में बोले सांसदः संसद में राज्य की कुमाऊंनी व गढ़वाली लोकभाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का बिल ला चुके नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने कार्यक्रम में अपना संबोधन कुमाऊंनी में दिया। उन्होंने स्थानीय विधायक के लिए ‘गोरुक बाछ’ व ‘काकड़क फुल्यूड़’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त विकास कार्यों को देकर विपक्षियों की नींद उड़ गई है। उन्हें सपनों में भी रावत ही नजर आ रहे हैं। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह अब प्रदेश सरकार के कानून के जरिए अपनी ससुराल के साथ ही मायके में अपना हक ले सकती हैं।