अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हिंदू अस्मिता का सवाल: मोहन भागवत

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर निर्माण ङ्क्षहदुओं की अस्मिता से जुड़ा है। कहा कि भले ही सौ फीसद हिंदू निर्माण के पक्ष में न हों, लेकिन, मंदिर निर्माण हर हाल में होगा। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में धर्म को लेकर कई तरह के निर्णय आते हैं। उनका मान-सम्मान होना चाहिए, लेकिन धर्म को समाज चलाता है। साधु-संतों का कर्तव्य है कि वे धर्म की रक्षा करें, इसे आगे बढ़ाएं।

संकल्प अच्छा तो सफलता निश्चितः मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा अच्छे कार्य के पथ पर हमेशा कठिनाईयां आयेंगी। हमें इनका डटकर सामना करना है। भागवत संघ परिवार के एक विशेष कार्यक्रम ‘साधु स्वाध्याय संगम’ के समापन अवसर पर सोमवार को पतंजलि योगपीठ पहुंचे थे। सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि विश्व की सृष्टि जिस महान् प्रयोजन के लिए हुई हम उसके निमित्त मात्र हैं। अच्छे कार्यों को करने में हमें अनेकानेक बाधाओं व उपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है किन्तु उपेक्षा के कारण मन में किसी भी प्रकार की निराशा नहीं आनी चाहिए। 

स्वामी रामदेव ने कहा कि लगभग 100 वर्ष पुरानी इस संघ परम्परा में केशव बलिराम हेडगेवार, तथा डॉ. मोहन भागवत जैसे राष्ट्रभक्त देश को दिये हैं। संघ परिवार की सेवा, साधना, राष्ट्रधर्म, राष्ट्रआराधना की एक बहुत बड़ी परम्परा रही है। संघ परिवार ने देश को न जाने कितने सात्विक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, सांसद व विधायक दिये हैं। इसके साथ समाजिक जीवन के विविध क्षेत्रों में शिक्षा, एकल विद्यालय, चरित्र निर्माण, व्यक्ति निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण से लेकर राष्ट्र आराधना की एक बहुत बड़ी सेवा की साधना संघ के द्वारा हुई है। कहा कि वेदवित, आत्मवित् व ब्रह्मवित् संन्यासियों की एक श्रृंखला, जो हमारी पावनी गुरु परम्परा व ऋषि परम्परा रही है, उसे पतंजलि योगपीठ में आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल, आचार्यकुलम् के निदेशक एलआर.सैनी, पतंजलि योग समिति के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य व राकेश, पतंजलि गुरुकुलम् के संन्यासी, आचार्य, साधु-साध्वियां, पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे।