देहरादून। उत्तराखंड में आरक्षण के विरोध में बुलाए गए भारत बंद का मिला-जुला असर दिख रहा है। राज्यभर में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की हुई है और अब तक किसी बड़ी घटना की ख़बर नहीं है।
सोशल मीडिया और दूसरे माध्यम से भारत बंद की अफवाह का असर सूबे में कहीं दिखाई दिया, कहीं नहीं दिखा। देहरादून जिला प्रशासन ने पूरे देहरादून जिले धारा-144 लागू की है। देहरादून में पूरी तरह बाजार सुबह से ही खुला रहा है। रोज की तरह लोगों काम करते नजर आए।
विकासनगर में भारत बंद बेअसर नज़र आ रहा है। पछुवादून समेत जौनसार बावर में रोज़ की तरह खुले रहे बाजार। ऋषिकेश में भारत बंद के आह्वान को लेकर प्रशासन अलर्ट पर हैं, जॉलीग्रांट एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर चौकसी बढ़ाई दी गई है।
सोशल साइट पर भारत बंद की अपील रुड़की और आसपास के क्षेत्रों में अभी बेअसर दिखी। शहर और देहात में अधिकांश दुकानें खुली रही लेकिन बाजारों और सड़कों पर लोगों की भीड़ आम दिनों की अपेक्षा कम नजर आई है। रुड़की शहर के संवेनशील इलाकों में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती है। शहर और देहात में पुलिस फोर्स बढ़ाई गई है। साथ ही बार्डर पर पुलिस नजर रखे हुए है। सन्दिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है। एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि धारा-144 का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है।
टिहरी में ही कहीं भारत बंद को समर्थन मिल रहा है तो कहीं इसका कोई असर नहीं है। नई टिहरी जिला मुख्यालय में नही दिख रहा भारत बन्द का असर तो घनसाली में व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और जुलूस निकाला। सभी थाना क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात है। जिले के सात थानों को सत्रह सेक्टरों में बांटा गया है। वहीं, हरिद्वार जिले के बहादराबाद में आरक्षण विरोधियों ने दुकानें बंद कराई।
अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। मिठाई व सब्जी की दुकानों को छोड़ सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। चाय की दुकानें व होटल भी बंद होने से राहगीरों व यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। वहीं बागेश्वर में भारत बंद का असर बेअसर रहा।
भारत बंद का गोपेश्वर में नहीं हुआ कोई असर: मंगलवार को भारत बंद के मैसेज सोशल मीडिया पर लंबे समय से चल रहे थे पर इसका असर जिला मुख्यालय गोपेश्वर समेत जिले में कहीं भी देखने को नहीं मिला। हालांकि पुलिस इसको लेकर काफी सर्तक नजर आई और शहर में गश्त लगाकर शांति व्यवस्था का जायजा लिया गया।
मंगलवार को भारत बंद की सोशल मीडिया पर चल रही वायरल खबर का जिला मुख्यालय गोपेश्वर समेत अन्य स्थानों पर कोई असर नजर नहीं आया और न ही किसी संगठन ने बंद करवाने की कोई पहल की। पूरे दिन बाजार सहित स्कूल, कालेज खुले रहे। अलबत्ता पुलिस ने सर्तकता बरतते हुए शहर में गश्त बढ़ा दी थी।
ऋषिकेश में भारत बंद का मिलाजुला असर: आरक्षण के विरोध में आहूत भारत बंद का तीर्थनगरी ऋषिकेश में मिलाजुला असर रहा। वहीं, किसी भी प्रकार की घटना से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैैैद है। इस दौरान सरकारी व गैर-सरकारी कार्यालय सहित शिक्षण संस्थाएं खुली रहीं। जिस कारण बंद का कोई खास प्रभाव ऋषिकेश में देखने को नहीं मिला। हालांकि सुबह 11 बजे तक बाजार कुछ जगह पर बंद रहे लेकिन 11 बजे के बाद सभी दुकानें खुल गई थी। जिला प्रशासन द्वारा किसी भी घटना से निपटने के लिए सुरक्षा बनाए रखने के लिए पीकेट भी लगाई गई थी। साथ ही प्रशासन द्वारा लगाई गई धारा-144(निषेधाज्ञा) का भी पूरी तरह नगर में प्रभाव दिखाई दिया। इस दौरान क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत तथा कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी स्वयं शहर का चक्र भ्रमण कर रहे थे।
हरिद्वार में बंद बेअसर, खुले रहे स्कूल प्रतिष्ठान: हरिद्वार पुलिस और जिला प्रशासन की मुस्तैदी के चलते 10 अप्रैल के भारत बंद का असर हरिद्वार जनपद में दिखाई नहीं दिया। सामान्य दिनों की तरह की स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल में भी रोजाना की तरह ही कार्य हुआ। किसी स्थान से भी कोई अप्रिय समाचार की जानकारी नहीं मिली है। हालांकि जनपद पुलिस सुरक्षा के दृष्टिगत पूरी तरह से अलर्ट रही। पुलिस और खूफिया विभाग की टीम क्षेत्रों से जानकारी जुटाती रही। सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने जनपद में धारा 144 लागू कर दी थी।
सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को भारत बंद होने की सूचना प्रचारित की जा रही थी। इस संदेश के बाद जनपद प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से सजग था। 02 अप्रैल को दलित समाज के द्वारा आयोजित भारत बंद के दौरान हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में हुए विवाद से सबक लेते हुए प्रशासन और पुलिस ने पूरी रणनीति बनाई थी। प्रशासन और पुलिस ने समन्वय बनाकर सुरक्षा के दृष्टिगत चाक चौबंद प्रबंध किये थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया। जनपद के थानों की पुलिस ने शांति मीटिंग कर क्षेत्र के गणमान्य लोगों से कानून व्यवस्था बनाकर रखने की अपील की गई। इसके साथ जनपद में धारा-144 लागू कर दी गई थी। इसके अलावा, एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने जनपद पुलिस के अलावा क्षेत्र के नागरिकों से शांति व्यवस्था को बहाल रखने की अपील की थी। प्रशासन और पुलिस की ओर से सभी को स्कूल और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोलने का संदेश दिया गया। मंगलवार को प्रशासन और पुलिस की प्रयासों का असर दिखाई पड़ा। किसी स्थान पर भी किसी के बंद में शामिल होने की सूचना नहीं मिली।