उत्तराखंड में वेटलैंड के प्रवास पर आए परिंदों की गिनती प्रारंभ

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देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व ने आसन वेटलैंड के प्रवास पर आए उत्तराखंड में परिंदों की गिनती प्रारंभ कर दी गई है। अधिकारियों ने इस बार यह संख्या बढ़ने की संभावना जताई है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. धनंजय मोहन की देखरेख में में विशेषज्ञ इस कार्य को गत 25 जनवरी से अंजाम दे रहे हैं।
 डा. धनंजय मोहन ने बताया कि परिंदों की गणना चकरौता में की जा रही है। आसन रेंजर जवाहर सिंह तोमर का कहना था कि इस बार मेहमान परिंदों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वैसे तो यह परिंदे अक्टूबर माह में आसन वेटलैंड के प्रवास पर आ जाते हैं जो मार्च के अंत तक यहां डेरा डालते हैं और फिर अपने मूल स्थान को लौट जाते हैं। वेटलैंड में प्रवासी परिंदों के प्रति पर्यटकों का रुझान बढ़ाने के लिए हाल ही में वन आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र रामपुर मंडी में बर्ड फेस्टिवल भी आयोजित किया जा चुका है। इसके अलावा ईको टूरिज्म वन विभाग की ओर से वेटलैंड पर प्रमोशनल फिल्म का निर्माण भी कराया गया है।
चकरौता वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दीपचंद आर्य ने बताया कि विधिवत गणना कि तारीख 25 जनवरी तय की गई थी। इसके बाद से यह कार्य प्रारंभ कर दिया गया है । लोकल गणना में प्रवासी परिंदों की संख्या अभी तक 5500 से अधिक आंकी गई है जिनकी संख्या और भी बढ़ने की संभावना है। क्योंकि यह उत्तराखंड के चकरौता सहित ऋषिकेश के बैराज क्षेत्र में भी प्रवास करते हैं।