भाजपा और कांग्रेस अतिक्रमण के मुद्दे पर कर रही राजनीति : आप

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देहरादून,  शहर के नदी-नाला क्षेत्र में बसे लोंगों का समर्थन करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश सरकार से उनके पुनर्वास की ठोस नीति बनाने की मांग की है।

बात दें कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से अतिक्रमण हटओ अभिायान के तहत मलिन बस्तियों में अवैध रूप से बसे हजारों परिवारों को जगह खाली करने के नोटिस नगर निगम द्वारा दिये जा रहे हैं। इसी को लेकर कुछ राजनीतिक दल व बस्तीवासी मुखर हो गये है।

बुधवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता में ‘आप’ के प्रदेश संचालन समिति के अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने कहा कि नगर निगम ने नदी-नाला क्षेत्र में बसे हजारों परिवारों को जगह खाली करने के नोटिस तो दे दिये पर शासन को यह भी देखना चाहिये कि इन परिवारों के पुनर्विस्थापन व पुनर्वासन के लिये सरकार के पास क्या कोई ठोस नीति व योजना है।

पिरशाली ने कहा कि नगर निगम की इस कार्रवाई से प्रभावित हजारों बस्तीवासियों में भय, असंतोष व आक्रोश का माहौल व्याप्त है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि यदि ये बस्तियां अवैध हैं तो बस्तीवासियों को बिजली, पानी, सीवर, राशन कार्ड जैसी सुविधायें मुहैया कराने वाले जनप्रतिनिधियों व अधिकार-कर्मचारियों पर सरकार कोई कार्यवाई करेगी। जिन लोगों को नोटिस जारी किये जा रहे हैं उनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास ग्राम समाज द्वारा आवंटित पट्टे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस अतिक्रमण के मुद्दे पर केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। अपने कार्यकाल में इन दोनों सरकारों ने मलिन बस्तियों के उत्थान के लिये कुछ नहीं किया है। भाजपा की राज्य सरकार की नीयत में खोट है। उन्होंने कहा कि भाजपा की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार हाईकोर्ट में मलिन बस्तियों पर अपना पक्ष रखने में असफल सिद्ध हुई है, जिसका खामियाजा बस्तीवासियों को भोगना पड़ रहा है। राज्य सरकार को कोर्ट के आदेश पर स्टे लाना चाहिये और मजबूती के साथ अपना पक्ष रखना चाहिये।

कहा कि राज्य सरकार व निगम प्रशासन द्वारा मलिन बस्तीवासियों को जारी नोटिसों को तत्काल खारिज किया जाये और न्यायालय के आदेशों की परिधि में मलिन बस्तीवासियों को पर्याप्त मुआवज़ा, पुनवर्यवस्थापन व पुनर्वासन नीति लागू करने के पश्चात ही कोई कार्रवाई की जाये।