उत्तराखण्ड के 2017 विधानसभा चुनाव के महा पर्व का अतिंम समय पास आ गया है। अब 11 मार्च दूर नही है और सभी राजनितिक दलों को 11 मार्च का इंतज़ार है इसकी चले बीजेपी के मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि अलग अलग विधानसभाऔ के प्रत्याशी अपने लेवल पर निरक्षण करवा रहे हैं जिससे परिणाम उनको एक दम से मिल सके और बीजेपी पूर्ण रूप से अपनी सरकार उत्तराखंड में लाने जा रही है।
उधर कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तरफ से सभी कार्यकर्ताओ को निर्देश देदिये गये है कि कांउटिंग के दौरान कोई गड़बड़ी ना हो इसका ध्यान रखा जाए और साथ ही तुरन्त जैसे जैसे परिणाम मिले उसको पी सीसी को बताते रहें ताकि कांग्रेस कमिट्टी को गठजोड़ करने में आसानी रहें और निरश्चित रूप से कांग्रेस अपनी सरकार बनाने जा रही है।
राज्य की दो मुख्य राजनीतिक पार्टी मान रही हैं कि जीत उनकी हो रही है लेकिन वास्तविकता में जीत किसी एक की ही होती है। राज्य इस माह पर्व में सभी दलों व निर्दलीयों ने एक दूसरे पर आरोप की बौछार की है। अब इस बौछार का असर मतदाताओं पर कितना पड़ा यह तोह वक़्त ही बताएगा। इसी के चलते बीजेपी में आए बागियो ने भी उत्तराखंड की राजनीतिक को एक नया मोड़ दे दिया था जिससे भारत के पांच राज्यो में चुनाव में सबसे आगे उत्तराखंड की राजनीति आगे आई है इन बागियो के फेर बदल के चलते लोगो की भी राजनीति में रोमांच दिखा है उत्तराखण्ड को बने हुए 16 साल हो गए हैं लेकिन इस विधानसभा चुनाव में पहली बार इतना ज्यादा उतेजना दिखी है।
इस बार हर पार्टी ने एक दूसरे के कच्चे चिट्ठे सामने लाने में कोई कसर नही छोड़ी है भ्रष्टाचार से लेकर पलायन तक सारे मुद्दे इस बार सामने आए हैं लेकिन देखना यह है कि आने वाली सरकार क्या सच में अपनी बातों पर अटल रह पाएगी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत यह मान के चल रहे है कि अगले पांच साल उनकी सरकार बनने जा रही है उधर बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना बीजेपी भी यह दावा कर चुकी है कि सरकार उनकी ही बनेगी। इस बार निर्दलीय ज्यादा होने के कारण राज्य के लोगो ने उम्मीदवारों पर ज्यादा ध्यान दिया है अब देखना यह है कि निर्दलीयों के साथ गठजोड़ ही सही लेकिन मुख्य पार्टी कौनसी जीत का परचम लेह रहा रही है।