उत्तराखंड के पांचवीं विधानसभा में भाजपा ने सारे मिथक तोड़ एक बार फिर इतिहास रचने का काम किया है। प्रदेश के 70 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर शानदार जीत के साथ भाजपा ने भगवा परचम लहराकर सत्ता में वापसी की है। वहीं कांग्रेस को इस बार 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा। बहुजन और निर्दलीय ने कुल 4 सीटों पर जीत दर्ज की। इस बार भाजपा को प्रदेश में 44.32 फीसद और कांग्रेस को 37.9 फीसद वोट मिला है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा की प्रचंड जीत पर बोले कि भाजपा ने जनता के समर्थन से इतिहास रचा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड निर्माण के बाद से सारे मिथक को तोड़ पार्टी की सत्ता में वापसी कर नई कीर्तिमान बनाने का काम किया है। अभी तक भाजपा कांग्रेस की सरकार के पास सत्ता बदलने की परंपरा चलती आ रही है। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह के नेतृत्व में भाजपा ने इस बार चुनाव में बहुमत के साथ जीत कर यह मिथक तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के समर्थन देने के लिए देवभूमि की जनता का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने उत्तराखंड में नया इतिहास रचा है। हमने जो भी वादे जनता से किए, हमारी सरकार उन वादों को पूरा करेगी। हमने जो भी संकल्प लिए हैं, उन्हें हम पूरा करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह कहना अभी मुश्किल। भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। विधायक दल अपना नेता सर्वसम्मति से चुनेगा।
उत्तराखंड में सुबह से ही चुनावी रुझानों में भाजपा बढ़त बनाई रही। देर रात तक निर्वाचन आयोग के आंकड़ोंं के मुताबिक प्रदेश में भाजपा को 47 सीटों पर जीत दर्ज हुई है, जबकि कांग्रेस को 18 सीटों पर जीत दर्ज कर ली और एक पर बढ़त के साथ है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दो सीटों पर जीत दर्ज कर इस बार खाता खोलने में सफल रही। लक्सर से बसपा उम्मीदवार मो. शहजाद ने 10440 मतों से भाजपा के संजय गुप्ता को हराया है। शहजाद को 34899 मत कुल मिले। बसपा के मंगलौर से उम्मीदवार सरबत करीम अंसारी को 32567 मत मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीवार काजी निजामुद्दीन को 31816 मत मिले। इसके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लालकुआं सीट से चुनाव हार गए हैं। भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने उन्हें हराया है। वहीं, उनकी बेटी अनुपमा ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से जीत दर्ज की।
प्रदेश में भाजपा को इस बार 23,83,483 मत (कुल मत का 44.34 फीसद) मिला है, जबकि कांग्रेस को 20,38073 (37.3 फीसदी) मत मिला है। इसके अलावा आप को 3.31 और बसपा 4.82 व अदर 8.31 फीसद मत मिला है।
उत्तराखंड बनने के बाद पहले तीन विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच दो प्रतिशत का अंतर रहा। साल 2002 के पहले आम चुनाव में कांग्रेस को 26.91 प्रतिशत और भाजपा को 25.45 और मत मिले। इस दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। साल 2007 में भाजपा को 31.90 और कांग्रेस को 29.59 प्रतिशत मत मिले। इस बार सत्ता बदलकर भाजपा के पास चली गई। वर्ष 2012 में कांग्रेस को 33.79 और भाजपा को 33.13 प्रतिशत मत मिले थे। इस बार भाजपा को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस आ गई।
चुनाव 2017 के चुनाव में भाजपा को 46.50 और कांग्रेस को मात्र 33.50 प्रतिशत मत से संतोष करना पड़ा था। नतीजन 70 में से 57 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई। लोकसभा लोकसभा चुनाव साल 2019 के परिणाम उत्तराखंड कांग्रेस के सभी नेताओं के लिए बेहद चौकाने वाले रहे। कांग्रेस का हर उम्मीदवार दो लाख से अधिक वोटों से हारा था। नैनीताल-लोकसभा सीट कांग्रेस ने 3,39,096, हरिद्वार सीट 2,58,729, पौड़ी 3,02,669, टिहरी 3,00,586 और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट 2,32,986 मतों के अंतर से गंवाई थी। लोकसभा चुनाव में 60.70 प्रतिशत मत अकेले भाजपा को मिले थे।