बीजेपी ने जनता दरबार का पता बदला

0
1398

देहरादून। राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद सीएम रावत ने जनता दरबार लगाने का फैसला किया। दूर-दराज़ से लोग अपनी समस्याएं लेकर सीएम के पास आने लगे, बीजेपी ने जनता दरबार के फैसले में थोड़ा सा बदलाव करने का निर्णय किया है। देहरादून में पार्टी के मुख्यालय पर जनता दरबार आयोजित करने के फैसले में बदलाव करते हुए अब जनता दरबार सभी जिलों के पार्टी मुख्यालयों और तहसील कार्यालयों (सरकार से संबंधित पार्टी से नहीं) पर करने का फैसला किया है।हालांकि बीजेपी के इस फैसले की वजह को कांग्रेस के मुताबिक बीते दिनों हुए ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत और कांग्रेस के जनता दरबार का विरोध कहा जा रहा है।

बीते दिनों बीजेपी पार्टी मुख्यालय पर मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में हल्द्वानी से आए फरियादी प्रकाश पांडे ने ज़हर खा लिया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई।हालांकि इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल से टीम न्यूजपोस्ट से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि, ”जनता दरबार लगाने का मतलब है लोगों की समस्याओं को सुनना और उसका समाधान ढ़ूंढना और अगर ऐसा नहीं होता है तो जनता दरबार का कोई फायदा नहीं है।अग्रवाल ने कहा कि. “ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत से एक बात तो साफ है कि जनता बीजेपी के जनता दरबार से खुश नहीं है क्योंकि उनके जैसे बहुत से फरियादी अपनी समस्याएं लेकर आते हैं और समाधान ना होने पर उन्हें कठोर कदम उठाने पड़ते हैं।सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि, “जनता दरबार का फायदा तभी है जब असल में लोगों की समस्याओं का समाधान हो वह चाहें देहरादून के कार्यालय में हो अलग-अलग जिलों में हो।”

वहीं बीजेपी के मीडिया प्रवक्ता डॉ.देवेंद्र भसीन ने कहा कि, ”पार्टी इस योजना पर काम कर रही है ताकि यह व्यवस्था डिसेंट्रलाइज हो सके।राज्य के कोने-कोने से आने वाले लोगों को कम परेशानी हो इसलिए यह व्यवस्था हर जिले में होना बेहतर है।जनता दरबार का मतलब है जनता के पास और अगर जनता दरबार सभी जिलों में होंगे तो सरकार खुद जनता के पास जाएगी उनकी समस्याएं सुनने।उन्होंने कहा कि जनता दरबार के माध्यम से खुद सरकार जनता के द्वार पहुंचेगी।”

डॉ.भसीन से यह पूछने पर कि यह फैसला प्रकाश पांडे की मौत के वजह से तो नहीं लिया गया? इसपर उनका कहना था कि, ”यह योजना काफी पहले से बनाई जा रही थी इसमें किसी की मौत का ताल्लुक नहीं है।इसके लिए शेड्यूल बनाया जाएगा कि किस तारीख को कौन से जिले में जनता दरबार लगाया जाएगा।”

इस बात की पुष्टि करते हुए राज्य पार्टी अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि, “य़ह फैसला अब प्रोसेस में हैं जब मुख्यमंत्री अलग-अलग जिलों में जनता दरबार लगा सकते हैं तो मंत्री भी लगाऐंगे।इस फैसले से जनता को अपनी परेशानियां लेकर राजधानी देहरादून नहीं आना पड़ेगा बल्कि उनके जिले में ही उनकी समस्या का निस्तारण किया जाएगा।”