बोर्ड परीक्षाओं ने फीके किए होली के रंग

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देहरादून। उल्लास, उमंग और जीवन में उम्मीदों के रंग भरने वाला त्यौहार होली दो मार्च को है, हर कोई होली के रंगबिरंगे रंगों में रमा नजर आने वाला है, लेकिन होली की इन खुशियों में स्कूल और बोर्ड की परीक्षाओं ने पानी फेर दिया है। होली के इस उत्साह के बीच हजारों छात्र-छात्राएं रंगों की जगह किताबों में डूबे हैं। दरअसल सीबीएसई की परीक्षा शुरू होने को हैं, वहीं सीआईएससीई की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। दूसरी ओर स्टेट बोर्ड की परीक्षाएं भी पांच मार्च से शुरू होंगी। ऐसे में ज्यादातर छात्रों की तैयोहरी छट्टियां तैयारियों में ही गुजरेंगी।

मस्ती के माहौल में अगर परीक्षाओं की याद भी आ जाए तो रंग फीका पड़ जाता है। लेकिन यहां तो पूरे बोर्ड एग्जाम ही होली के त्यौहार के बीच आ गए। दरअसल काउंसिल फोर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। वहीं, सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) और उत्तराखंड बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन की बोर्ड परीक्षाएं भी होली के बाद शुरू होने वाली हैं। जिसके चलते तकरीबन सभी बोर्ड से जुड़े स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं।

पांच मार्च से सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं की बात करें तो 10वीं और 12वीं के बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू होने जा रही हैं। सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षाओं का आगाज इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी और बैकिंग जैसे आसान विषयों से होगा। लेकिन अगले दिन हिंदी का पेपर होने से बच्चों पर दबाव कम नहीं होगा। दूसरी और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में पहला पेपर अंग्रेजी का होगा।

स्टेट बोर्ड परीक्षाएं भी पांच मार्च से शुरू
उत्तराखंड बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन की परीक्षाएं भी पांच मार्च से शुरू होंगी। 12वीं की परीक्षाओं से स्टेट बोर्ड परीक्षाएं शुरू होंगी। जबकि दसवीं की परीक्षाएं एक दिन बाद छह मार्च से शुरू होंगी। दोनों कक्षाओं में पहला पेपर हिंदी का होगा।

होली के बाद हैं मुश्किल विषयों की परीक्षाएं
बोर्ड एग्जाम की डेट शीट पर नजर डालें तो होली के तुरंत बाद मुश्किल विषयों की पवरीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में इन विषयों की तैयारी भी कहीं न कहीं होली के त्यौहार में रंग में भंग का काम करेगी। सीआईएससीई के इंडियन स्कूल सर्टिफिकेशन एग्जामिनेशन (12वीं) की बात करें तो यहां होली के बाद (5 मार्च) को केमिस्ट्री विषय की परीक्षा है। इसके अलावा इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन एग्जामिनेशन (10वीं) में भी होली के बाद (5 मार्च) को अंग्रेजी जैसे विषय की परीक्षा पड़ रही है। इन हालात में होली का मजा बलि चढऩा लाजमी है। कई छात्र तो होली के दिन भी अपने विषयों से जुड़े चैप्टरों का शेड्यूल बनाकर तैयारी करने का कार्य कर रहे हैं। छात्रों का मानना है कि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों के चक्कर में होली का मजा बेमजा होगा। दूसरी ओर अभिभावकों का मानना है कि होली पर अक्सर हादसे होते रहते हैं, इसलिए कोशिश है कि इस मौके पर बच्चे घर में रहें ताकि एग्जाम देने में कोई बाधा न हो।

विशेषज्ञों का मानना त्योहारों का उठाएं आनंद
उल्लास और उत्साह से भरा होली का त्योहार नई ऊर्जा देता है। ऐसे में परीक्षा के तनाव को कम करने और दिमाग तो ताजगी देने के लिए बच्चों को त्योहार को खूद आनंद के साथ मनाना चाहिए। इससे दिमाग रीफ्रेश तो होगा ही साथ ही परीक्षा को लेकर पैदा हो रहे तनाव में भी कमी आएगी। हालांकि, इस दौरान सुरक्षा का ध्यान रखने की बेहद जरूरत है और किसी भी प्रकार की परेशानी पर होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

बयान
परीक्षा के तनाव के साथ ही मानसिक रूप से खुद को सहज रखने में त्योहार अहम भूमिका निभाते हैं। जरूरी यह है कि बच्चे इसके लिए समय निर्धारित करें और सुरक्षा का ध्यान रखें।
-डॉ. मुकुल शर्मा, सीनियर क्लीनिकल साइक्लॉजिस्ट व स्टूडेंट काउंसलर

परीक्षा का दबाव न होता तो खुलकर होली का मजा लेती। लेकिन होली के दो दिन बाद अकाउंटेंसी सब्जेक्ट का एग्जाम है। पेपर टफ है। ऐसे में होली का मजा फ्यूचर पर भारी पड़ सकता है। इसलिए नो सेलीब्रेशन।
– गायत्री शर्मा, 11वीं, सीआईएससीई बोर्ड

बच्चे होली के मौके पर जमकर मस्ती करते हैं। परीक्षा का समय है। होली के त्यौहारों पर कोई गड़बड़ न हो, इसलिए होली खेलने से परहेज करने की नसीहत बच्चों को दे रहे हैं।
– सत्यजीत चौधरी, अभिभावक