उत्तराखंड में बोर्ड की परीक्षाएं कल से शुरू हो रही हैं। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के अनुसार हाईस्कूल में एक लाख 53 हजार 814 और इंटरमीडिएट में एक लाख 33 हजार 417 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी तनाव मुक्त और तरोताजा होकर परीक्षा दें। परीक्षा के लिए प्रदेश भर में लगभग 319 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
प्रदेश में विभिन्न केंद्रों को संवेदनशील और अति संवेदनशील घोषित किया गया है। जहां विशेष रूप से निगरानी रखी जाएगी। बता दें कि प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं मार्च पहले सप्ताह से होनी थी लेकिन चुनाव के चलते बोर्ड परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी की ओर से इस पर सहमति दी गई थी कि रामनगर बोर्ड 11 मार्च के बाद कभी भी परीक्षाएं करा सकता है।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि उम्मीद है परीक्षार्थी पूर्ण मनोयोग और लगन से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। वहीं, अभिभावक परीक्षा अवधि में बच्चों के लिए उचित शैक्षिक वातावरण तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों से अपेक्षा है कि वह परीक्षा के सफल संचालन में अपना पूर्ण सहयोग देंगे।उन्होंने बताया कि परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए सचल दल गठित किए गए हैं।
यह भी कहा जा रहा था कि चुनाव में बड़ी संख्या में टीचरों की ड्यूटी लगने और स्कूलों को मतदान केंद्र बनाए जाने से परीक्षा तिथि प्रभावित हो रही है। जिसे देखते हुए निर्वाचन आयोग की ओर से रामनगर बोर्ड को निर्देशित किया गया था कि बगैर निर्वाचन आयोग की सहमति के बाद ही बोर्ड परीक्षाओं की तिथि निर्धारित की।वही लिखित परीक्षा के लिए संभावित परीक्षा समय सारणी तय कर इसे सहमति के लिए निर्वाचन आयोग को भेजा गया था।
हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर परिधि में धारा-144 लागू कर दी गई है जो 16 मार्च से 10 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी।जिलाधिकारी ने धारा-144 के अन्तर्गत आदेश पारित किये हैं कि कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्र की 200 मीटर परिधि के भीतर लाठी, चाकू आदि किसी भी प्रकार का हथियार एवं विस्फोटक पदार्थ लेकर नहीं चलेगा, न ही ईंट पत्थर एकत्रित करेगा और न ही किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करेगा।
उन्होंने कहा है कि परीक्षा केन्द्र के क्षेत्रान्तर्गत कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग भी नहीं करेगा, न ही ऐसे उत्तेजनात्मक नारे लगायेगा जिससे शान्ति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो। साथ ही किसी भी व्यक्ति को ऐसे कार्य भी नहीं करने हैं जिससे सार्वजनिक एवं राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचे।
उन्होंने कहा है कि यह आदेश पुलिस बल, पीएसी व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों एवं आवश्यक सेवाओं पर प्रभावी नहीं होगा। जिलाधिकारी ने जनता से कहा है कि इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए अन्यथा आदेश की अवहेलना करने वाले व्यक्ति के विरुद्व धारा-188 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।